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मशहूर शायर एएम जुत्शी गुलजार दहेलवी का निधन, अभी हाल में ही कोरोना को दिए थे मात

मशहूर शायर और साहित्यकार पद्मश्री एएम जुत्शी गुलजार अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 07:23 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 07:23 PM (IST)
मशहूर शायर एएम जुत्शी गुलजार दहेलवी का निधन, अभी हाल में ही कोरोना को दिए थे मात

नोएडा, मोहम्मद बिलाल। वो कहते हैं ये मेरा तीर है जां ले के निकलेगा, मैं कहता हूं ये मेरी जान है मुश्किल से निकलेगी। शायरी की यह एक पंक्ति दुनिया के सामने लाने वाले मशहूर साहित्यकार, शायर व कवि गुलजार देहलवी (पंडित आनंद मोहन जुत्शी) का शुक्रवार दोपहर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सेक्टर-26 स्थित आवास पर 93 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। देहलवी पांच दिन पूर्व ही कोरोना को मात देकर अपने घर लौटे थे।

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पुत्र अनूप जुत्शी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे खाना खाने के बाद वह आराम कर रहे थे। अचानक से तबीयत बिगड़ने पर उन्हें सेक्टर-27 स्थित कैलाश अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया गया है। रविवार को वह ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल से कोरोना को मात देकर घर लौटे थे। 

अस्पताल से जाते समय भावुक होते हुए उन्होंने मेडिकल स्टाफ से कहा था कि आप लोगों (स्वास्थ्य कर्मियों) ने नई जिंदगी दी है। पूरी तरह ठीक होने पर सभी को अपने घर खाने पर बुलाएंगे। उन्हें एक जून को कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर शारदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय हालत काफी खराब थी, सांस नहीं ले पा रहे थे। बावजूद करीब एक सप्ताह में वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए थे।

25 वर्षों से नोएडा में रह रहे थे
7 जुलाई 1926 को जन्मे गुलजार देहलवी पहले दिल्ली में रहते थे। पिछले 25 वर्षों से वह अपनी पत्नी कविता जुत्शी के साथ नोएडा में ही रह रहे थे। उनकी एक बेटी मीना उग्रा अमेरिका व एक पुत्र अनूप जुत्शी पुणे में रहते हैं। उर्दू शायरी और साहित्य में उनके योगदान को देखते उन्हें 'मीर तकी मीर' पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

शारदा अस्पताल में दी थी कोरोना को मात

शारदा अस्पताल में 93 वर्षीय बुजुर्ग एएम जुत्शी गुलजार ने कोरोना को मात दी थी। 6 जून की रात जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें रविवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। एक जून को उन्हें शारदा में भर्ती कराया गया था। अस्पताल से जाते समय भावुक हो गए थे, उन्होंने मेडिकल स्टाफ से कहा कि आप लोगों ने नई जिंदगी दी है। चलने-फिरने लगूंगा तो सभी को दावत पर बुलाऊंगा।


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