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Employment News: ग्रेटर नोएडा में बनेगा एमआरओ हब, लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार

Employment News यूपी के ग्रेटर नोएडा में एमआरओ हब बनने से लाखों लोगों को रोजगार मिल सकेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शिलान्यास के दौरान जेवर में एमआरओ केंद्र बनाने की घोषणा की थी।

By Abhishek TiwariEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 07:31 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 07:31 AM (IST)
Employment News: ग्रेटर नोएडा में बनेगा एमआरओ हब, लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार
Employment News: ग्रेटर नोएडा में बनेगा एमआरओ हब, लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। दुनिया की नामचीन कंपनी जेवर में एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस रिपेयर, ओवरहालिंग (एमआरओ) केंद्र बना सकती है। यह एमआरओ केंद्र नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के परिसर में होगा। पिछले दिनों कंपनी के प्रतिनिधियों और प्राधिकरण, शासन के अधिकारियों के बीच बैठक में एमआरओ के लिए प्रदेश सरकार से मिलने वाले प्रोत्साहन पर चर्चा हुई थी। इसके बाद प्रदेश की पहली एमआरओ पालिसी अस्तित्व में आई, जिसे मंगलवार को प्रदेश कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति दी है।

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एमआरओ हब बनने से हजारों-करोड़ के निवेश के साथ लाखों लोगों को रोजगार मिल सकेगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकासकर्ता के चयन में यह शर्त शामिल थी कि कंपनी को एमआरओ केंद्र भी विकसित करना होगा। इसके लिए 40 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है। एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की एमआरओ के लिए दुनिया की नामचीन कंपनी ने वार्ता चल रही है।

पिछले दिनों इस संबंध में बैठक भी हुई थी। इसमें शासन, यमुना प्राधिकरण और विकासकर्ता कंपनी के अधिकारी शामिल हुए थे। इस बैठक के बाद देश के अन्य राज्यों में लागू एमआरओ पालिसी की अध्ययन करने के बाद प्रदेश की पहली एमआरओ पालिसी तैयार की गई।

अधिकारियों का दावा है कि यह देश में अब तक की सबसे अच्छी एमआरओ पालिसी है। पहली बार एमआरओ के लिए कैपिटल सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है। किसी भी राज्य की एमआरओ पालिसी में यह प्रविधान नहीं है।

एयरपोर्ट के साथ शुरू होगी एमआरओ की सुविधा

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यात्री सेवाओं की शुरुआत के साथ एमआरओ की सुविधा भी शुरू होगी। यहां विमानों की मेंटेनेंस, रिपेयर व ओवरहालिंग की सुविधा मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शिलान्यास के दौरान जेवर में एमआरओ केंद्र बनाने की घोषणा की थी। अभी देश में चुनिंदा जगह पर समिति स्तर पर एमआरओ की सुविधा उपलब्ध है। बोइंग, एयरबस आदि के मेंटेनेंस, ओवरहालिंग के लिए सिंगापुर, कोलंबो आदि का रुख करते हैं। इससे करीब 15 हजार करोड़ रुपये की मुद्रा दूसरे देश में चली जाती है।

दूसरे चरण में बड़े स्तर पर बनेगा एमआरओ

दूसरे चरण में जेवर को एमआरओ का हब बनाने की योजना है। इसके लिए 1365 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत करने की प्रक्रिया चल रही है। जेवर में बोइंग, एयरबस आदि के लिए एमआरओ की सुविधा होगी।

देश में 666 एयरक्राफ्ट

इस समय देश में 666 एयरक्राफ्ट हैं। इसमें 458 एयरबस और 76 बोइंग विमान हैं। विमान सेवा देने वाली कंपनियों की बात करें तो एयर एशिया इंडिया के पास 35, एयर इंडिया के पास 120, आकाश एयर एक, एलाइंस एयर 20, एयर इंडिया एक्सप्रेस 24, फ्लाइ बिग चार, गो फ‌र्स्ट 57, इंडिगो 275, स्पाइस जेट 71, विस्तारा 54, स्टार एयर के पास पांच विमान हैं।

दुनिया में एमआरओ की बड़ी कंपनियां एयरबस, बोइंग, सेफरान, जीई एविएशन, एसटी इंजीनियरिंग, ब्रिटिश एयरवेज, एएआर कारपोरेशन आदि शामिल हैं।


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