Coronavirus: डोर हैंडल कराएगा हाथ को सैनिटाइज, जानें इसकी खासियत
कार्यालय बैंक अस्पताल सहित अन्य स्थानों में प्रवेश करने वाले लोग डोर हैंडल का प्रयोग करते हैं। इस कारण हैंडल से संक्रमण फैलने का खतरा सबसे अधिक रहता है।
ग्रेटर नोएडा, मनीष तिवारी। संक्रमण से फैल रहे कोविड-19 का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। दरवाजे के डोर हैंडल से संक्रमण का खतरा सबसे अधिक रहता है। कारण है कि दिन भर में आने-जाने वाले सैकड़ों लोग हैंडल का प्रयोग करते हैं। नॉलेज पार्क स्थित जीएल बजाज कॉलेज के छात्र नीलेश ने विशेष प्रकार का हैंडल तैयार किया है। जिसके ऊपर लगे बटन को दबाते ही व्यक्ति का हाथ सैनिटाइज होगा। साथ ही हैंडल भी स्वयं ही सैनिटाइज हो जाएगा। समाप्त हो जाने पर हैंडल में सैनिटाइज को आसानी से भरा जा सकता है। हैंडल की कीमत लगभग एक हजार रुपये है।
कार्यालय, बैंक, अस्पताल सहित अन्य स्थानों में प्रवेश करने वाले लोग डोर हैंडल का प्रयोग करते हैं। इस कारण हैंडल से संक्रमण फैलने का खतरा सबसे अधिक रहता है। अनजाने में व्यक्ति को संक्रमण फैलने के कारण का पता भी नहीं चल पाता है। जीएल बजाज कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र नीलेश ने इस पर प्रमुखता से सर्वे किया।
जिसके बाद हैंडल से फैलने वाले संक्रमण को रोकने के लिए छात्र ने विशेष हैंडल बनाना शुरू किया। विभागाध्यक्ष डॉ. पीआर मिश्र व प्रोफेसर आशीष कुमार के निर्देशन में छात्र ने सेल्फ सैनिटाइज डोर हैंडल तैयार किया है। प्रोफेसर आशीष ने बताया हैंडल को अंदर से खोखले आकार का डिजाइन किया गया है। ऊपर की ओर लगे विशेष कैप को थ्री पेट्रिंग से तैयार किया गया है।
कैप में छोटे-छोटे छेद हैं। हैंडल के अंदर पंप लगा है। नीचे की ओर बाक्स लगा है। जिसमें सैनिटाइजर भरा रहता है। डोर खोलने से पूर्व हैंडल के ऊपर लगे बटन को दबाना होगा। बटन दबाते ही कैप से लिक्विड के रूप में सैनिटाइजर निकलता है। हाथ पर पड़ने के साथ ही सैनिटाइजर हैंडल पर ऊपर से नीचे की ओर गिरता है। यदि अधिक सैनिटाइजर निकलता है तो हैंडल से रिसते हुए वह नीचे लगी बोतल में पहुंच जाता है। इससे सैनिटाइजर बर्बाद भी नहीं होगा। हैंडल के नीचे लगे बाक्स को आसानी से खोलकर उसमें दोबारा सैनिटाइजर भरा जा सकता है।