105 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने दी कोरोना को मात, बकरीद से पहले अस्पताल से मिली 'ईदी'
105 वर्षीय बुजुर्ग महिला राबिया अहमद ने कोरोना को मात दी है। भर्ती करते समय उनकी हालत काफी गंभीर थी।
ग्रेटर नोएडा [चंद्रशेखर वर्मा]। कोरोना संक्रमित 105 वर्षीय बुजुर्ग महिला राबिया अहमद ने कोरोना को मात दी है। भर्ती करते समय उनकी हालत काफी गंभीर थी। वह सात दिन तक वेंटिलेटर पर रखने के बाद आखिरकार कोरोना को हराकर घर गईं। मूलरूप से अफगानिस्तान की रहने वाली राबिया नोएडा में बेटे के साथ रहती हैं। महिला को लेने आए पोते ने कहा कि चिकित्सकों ने बकरीद से पहले ईदी दी है। शारदा अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आशुतोष निरंजन ने बताया कि राबिया को तकलीफ होने पर नोएडा स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया। उपचार से पहले कोरोना की जांच की गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 16 जुलाई को शारदा अस्पताल में भर्ती किया गया।
भर्ती होते समय स्थिति काफी गंभीर थी। उनको बुखार, सांस लेने में तकलीफ के साथ निमोनिया की शिकायत थी। साथ ही वह अलजाइमर (भूलने की बीमारी) से भी ग्रसित थीं। वह किसी रिश्तेदार को भी पहचान नहीं पा रही थीं। पेशाब में इंफेक्शन और इसीजी भी नार्मल नहीं था। मरीज के एक्यूट रिसपाइरेटरी ड्रिसट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) की चपेट में आने से फेफड़ों में संक्रमण बढ़ गया था। ऐसे में तत्काल वेंटिलेटर पर स्थानांतरित किया गया।
उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों के वेंटिलेटर पर जाने के बाद ठीक होने की संभावना कम होती हैं। उम्र भी काफी अधिक है, लिहाजा इलाज में कई दिक्कतें आईं। शारदा विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल रिलेशन विभाग के निदेशक अमित दरियानी के निर्देशन में डॉ. अभिषेक देशवाल और डॉ. शिवेंद्र कसाना की अगुवाई में टीम गठित की गई। प्रोटोकाल के तहत इलाज शुरू किया गया। उच्च प्रोटीन युक्त डाइट दी गई।
हालत में सुधार आने लगा। इसके बाद आइसीयू में स्थानांतरित किया गया। उन्होंने स्टाफ को पहचानना शुरू कर दिया। 30 जुलाई को कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आई। शुक्रवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। राबिया ने कहा कि पूरी टीम ने अच्छे से देखभाल की। पोते अहमद फवाद ने कहा कि बकरीद से पहले ताउम्र न भूलने वाला गिफ्ट दिया है। अब घर में सभी एक साथ ईद उल जुहा की नमाज पढ़ेंगे और ईद मनाएंगे। बता दें कि राबिया की पोती ने शारदा यूनिवर्सिटी से ही बीडीएस की पढ़ाई की है।