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Coronavirus: सीएम योगी की फटकार के बाद गौतमबुद्ध नगर के डीएम ने मांगी 3 महीने की छुट्टी

Coronavirus गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने स्वयं को पद से हटाने के लिए शासन को पत्र लिखा है। इससे पहले सीएम योगी ने कोरोना के मामले पर अधिकारियों को फटकार लगाई थी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 06:06 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 07:15 PM (IST)
Coronavirus: सीएम योगी की फटकार के बाद गौतमबुद्ध नगर के डीएम ने मांगी 3 महीने की छुट्टी

नोएडा [धर्मेंद्र चंदेल]। गौतमबुद्ध नगर में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के मामले को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में सीएम योगी ने जिले के आला अधिकारियों की जमकर फटकार लगाई। बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी बीएन सिंह और मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) से सीएम योगी नाराज दिखाई दिए। सीएम ने जिलाधिकारी को यहां तक कह दिया कि बकवास बंद करो। इस बीच गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने स्वयं को पद से हटाने के लिए शासन को पत्र लिखा है। 

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यूपी के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में डीएम ने कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से गौतमबुद्ध नगर के डीएम के पद पर नहीं रहना चाहते। इसलिए जिलाधिकारी के पदीय दायित्वों से मुक्त करते हुए तीन महीने की छुट्टी स्वीकृत करने का कष्ट करें।

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डीएम ने पत्र में आगे लिखा है कि कोरोना वायरस को लेकर कोई लापरवाही न हो इसके लिए इस पद पर किसी अन्य अधिकारी की नियुक्ति की जाए।

...जब सीएम ने डीएम से कहा बकवास बंद करो

मिली जानकारी के अनुसार, मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम की जमकर फटकार लगाई। नाराज सीएम योगी ने कोरोना से बचाव की अधूरी तैयारियों पर कहा कि आपको दो महीने पहले ही अलर्ट किया गया था। आप सब अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने की बजाय एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे। यही कारण है नोएडा का मौहाल खराब हो गया और यहां पर सबसे ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो गए। इस पर डीएम ने कहा कि मै 18-18 घंटे रोजाना काम कर रहा हूं। इतना सुनते ही सीएम का पारा चढ़ गया और डीएम को फटकार लगाते हुए कहा कि बकवास बंद करो।

सीएम योगी के सवाल का जवाब नहीं दे पाए अधिकारी

मुख्यमंत्री की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि सीज फायर कंपनी का लंदन से आया ऑडिटर जब लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण बांट रहा था तो जिले का स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन कहां था। अधिकारियों के इस तर्क पर कि उस कंपनी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। मुख्यमंत्री ने सीधे शब्दों में पूछा कि कंपनी अब तक सीज क्यों नहीं हुई। इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं था। जिले में संक्रमण से राहत के लिए बनाया गया कंट्रोलरूम भी अब सवालों के घेरे में है। बता दें कि जिले में 38 मरीजों में से 19 लोग सीज फायर कंपनी के ऑडिटर के कारण संक्रमित हुए हैं। 

मुख्यमंत्री की नाराजगी का आलम यह है कि उन्होंने भरी मीटिंग में न केवल प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की क्लास लगाई, बल्कि जिम्मेदारों पर कार्रवाई तक के संकेत दे दिए। मुख्यमंत्री के तेवरों से किसी बड़ी कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं। 

बता दें कि नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) में कोरोना के मामले तेजी से सामने आए हैं। कोरोना के मरीजों के मामले में उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर टॉप पर है और यहां संक्रमण से पीड़ितों की संख्या 38 हो गई है। हालात बदतर हुए तो प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लॉकडाउन के बीच गौतमबुद्ध नगर में आकर बचाव व राहत कार्य की समीक्षा करनी पड़ी।


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