Chinese Citizens Case: अवैध अड्डे को लेकर खुलासा, एक और चीनी नागरिक का नाम आया सामने; नटवरलाल चीन से कर रहा था MBBS
चीनी नागरिक सु फाइ का बिजनेस पार्टनर और लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद से फरार चल रहा रविकुमार नटवरलाल ठक्कर चीन में अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाया था। यह बात नटवरलाल की मंगेतर ने पुलिस पूछताछ के दौरान बताई है।
नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। चीनी नागरिक सु फाइ का बिजनेस पार्टनर और लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद से फरार चल रहा रविकुमार नटवरलाल ठक्कर चीन में अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाया था। यह बात नटवरलाल की मंगेतर ने पुलिस पूछताछ के दौरान बताई है।
वहीं ग्रेटर नोएडा के घरबरा गांव स्थित चीनी नागरिकों के अवैध अड्डे का एग्रीमेंट एक अन्य चीनी नागरिक के नाम मिला है। एग्रीमेंट में नटवरलाल का भी नाम है। आरोपितों ने अवैध अड्डे पर कागजों में फैक्ट्री संचालित करते हुई दिखाई है। जीएसटी रिटर्न भी भरा गया है।
जीएसटी फाइल करने के दौरान रविकुमार नटवरलाल को कागजों में निदेशक दर्शाया गया है। अब तक चीनी नागरिकों की कुल नौ फर्जी फैक्टरियां मिली हैं, जिनका साल भर का टर्नओवर 20 से 30 करोड़ के बीच दिखाया गया है। कोरोना काल से पहले यह टर्नओवर अधिक था।
जीएसटी का मामला संज्ञान में आने के बाद अन्य विभागों ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं रविकुमार नटवरलाल की मंगेतर से पूछताछ के दौरान पता चला है कि उसकी सगाई आठ जून को नटवरलाल से हुई थी। वह अंतिम बार 14 जून को उससे मिली थी। वर्तमान में नटवरलाल अंडरग्राउंड है। पुलिस की चार अलग-अलग टीमें उसकी तलाश कर रही हैं।
अग्रिम जमानत पर सुनवाई सोमवार को
नटवरलाल की अग्रिम जमानत अर्जी पर सोमवार को कोर्ट में सुनवाई होगी। पुलिस उसकी अग्रिम जमानत का कोर्ट में विरोध करेगी। पुलिस का दावा है कि चीनी नागरिक के अवैध कामों का असली सूत्रधार नटवरलाल है।
चीनी नागरिकों के चोरी के कबूलनामे का पत्र वायरल
इंटरनेट मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ है। वायरल पत्र को चीनी नागरिकों के चोरी का कबूलनामा बताया गया है। आरोप है कि इयरफोन व डाटा केबल बनाने वाली फैक्ट्री से कोरोना काल के दौरान करीब तीन करोड़ के केबल व अन्य सामान चोरी हुआ था। चोरी में उत्पीड़न का आरोपित ली शुलुन व अन्य चीनी नागरिक शामिल रहे थे। ईकोटेक तीन कोतवाली पुलिस को मामले में लिखित शिकायत दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यह है पूरा मामला
बीते 11 जून को नेपाल बार्डर पर बिहार के सीतामढ़ी क्षेत्र में एसएसबी ने दो चीनी नागरिकों लु लैंग और तो यूं हेलंग को पकड़ा था। दोनों 18 दिनों तक ग्रेटर नोएडा के घरबरा गांव स्थित चीनी नागरिकों के अवैध शराब के अड्डे व जेपी ग्रींस सोसायटी में रहे थे।
दोनों को भारत में पनाह चीनी नागरिक सु फाइ व उसकी महिला मित्र नगालैंड निवासी पेटेख रेनुओ ने दी थी। पनाह देने वालों को ग्रेटर नोएडा पुलिस ने पकड़ा तो पता चला कि अवैध रूप से सु फाइ भारत में रह रहा था, उसकी वीजा अवधि वर्ष 2020 में समाप्त हो गई थी।
सु फाइ के कब्जे से भारतीय पासपोर्ट बरामद हुआ था जो कि देश सुरक्षा में सेंध लगा रहा था। वह घरबरा गांव में चीनी नागरिकों के लिए एक ऐसा अवैध अड्डा चला रहा था जहां बार, पब, कैसिनो समेत कई अन्य मनोरंजन के साधन एक साथ मौजूद रहते थे। अवैध अड्डे पर भारतीय युवती से यौन उत्पीड़न के आरोपित ली शुलुन का भी आना जाना था।