सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीनी सामान के बहिष्कार से फीकी पड़ी बाजार की रौनक
चीन के सामान के बहिष्कार की वजह से इस बार बाजारों में झालरोंं की रौनक गायब नजर आ रही है। त्योहार नजदीक आने के बावजूद इक्का दुक्का घरोंं पर की झालर लगी नजर आ रही है।
नोएडा [ जेएनएन ] । सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीन के खिलाफ भारत में पनपे आक्रोश का असर इस बाद दिवाली पर भी दिख रहा है। दिवाली पर घरो को रोशन करने के लिए बड़े पैमाने पर चीन की बनी बिजली की झालरोंं का उपयोग होता है। लेकिन इस बार यह यहां के बाजारों से यह झालर गायब है।
इस बार चीन के सामान के बहिष्कार की वजह से झालरोंं की रौनक गायब नजर आ रही है। त्योहार नजदीक आने के बावजूद इक्का दुक्का घरोंं पर की झालर लगी नजर आ रही है।
चीन के लिए भारत बड़ा बाजार है। इसलिए त्योहारोंं पर चीन के सामानोंं से बाजार अट जाते हैं। सस्ते होने की वजह से लोग इन्हें हाथोंं हाथ लेते हैं। दिवाली पर चीन के सामान का बड़े पैमाने पर कारोबार होता है।
लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा से लेकर पटाखे, बल्ब, रंग बिरंगी बिजली की झालरो तक के कारोबार पर चीन का कब्जा है। लेकिन इस बार हालात कुछ अलग हैं। दिवाली का त्योहार इस बार चीन के लिए उतना खुशगवार नही रह गया है।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के साथ चीन की जुगलबंदी ने भारतीयो के दिलोंं में जो आक्रोश पैदा किया है। वह दिवाली पर चीन के सामान की होली के रूप में सामने आ रहा है। बिजली के सजावटी सामान का कारोबार काफी ठंडा है।
हर वर्ष त्योहार से कई दिनोंं पहले घरो को लोग बिजली की झालरो से सजा देते हैं। रात के अंधेरे रंग बिरंगी रोशनी से सजी इमारतें खूबसूरत नजारा पेश करती हैंं, लेकिन इस बार यह रौनक काफी कम है।
शहर में कुछ ही मकानोंं व प्रतिष्ठानोंं पर चीनी झालरोंं की रोशनी नजर आ रही है। लोगो ने अपना विरोध जताने के लिए पहले से खरीदकर रखी झालरोंं तक को नही सजाया है। चीन के साथ दुकानदारोंं के लिए भी दिवाली की रौनक फीकी हो गई है।