UP Election Results 2017: PM मोदी की सुनामी में मायावती का किला भी ध्वस्त
गौतमबुद्धनगर की दादरी तहसील का बादलपुर मायावती का पैतृक गांव हैं। इसका लाभ लोकसभा और विधानसभाओं में बसपा प्रत्याशियों को मिलता आया है।
नोएडा (जेएनएन)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती अपने गृह जनपद में भी पार्टी प्रत्याशियों को जीत नहीं दिला सकीं। जिले की दादरी व जेवर सीट पर कई वर्षो से बसपा का कब्जा था। 2012 के विधानसभा में समूचे प्रदेश में समाजवादी पार्टी की लहर होने के बावजूद दादरी और जेवर सीट पर बसपा प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे थे, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुनामी में बसपा प्रत्याशी भी बह गए।
दोनों जगह बसपा प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा। दादरी में भाजपा के मास्टर तेजपाल नागर ने बसपा के मौजूदा विधायक सतवीर गुर्जर को करीब 80140 हजार व जेवर में भाजपा के ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने बसपा के मौजूदा विधायक वेदराम भाटी को करीब 22169 हजार मतों के भारी अंतर से हराया।
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नए परिसीमन के बाद 2012 में नोएडा अलग विधान सभा बनने के बाद से ही इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। इस बार भी भाजपा के पंकज सिंह रिकार्ड मतों से जीत हासिल कर पार्टी का कब्जा बरकरार रखा। गौतमबुद्धनगर की दादरी तहसील का बादलपुर मायावती का पैतृक गांव हैं। इसका लाभ लोकसभा और विधानसभाओं में बसपा प्रत्याशियों को मिलता आया है।
गृह जनपद होने की वजह से लोग मायावती के नाम पर बसपा प्रत्याशियों को वोट देते रहे हैं। यही कारण है कि दादरी में 2007 और जेवर में 2002 से ही बसपा का दबदबा रहा है। 2009 के लोकसभा में भी बसपा के सुरेंद्र नागर यहां से जीतने में कामयाब रहे थे। 2014 में बसपा ने उन्हें लोकसभा टिकट नहीं दिया। उनकी जगह सतीश अवाना को टिकट दिया गया।
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सुरेंद्र नागर के बसपा छोड़ते ही जिले में पार्टी का पतन शुरू हो गया था। बड़ी संख्या में बसपाई उनके साथ पार्टी छोड़कर सपा में चले गए थे। 2014 के लोकसभा में बसपा प्रत्याशी सतीश अवाना को तीसरे नंबर पर रहकर संतोष करना पड़ा था।
बसपा ने दादरी से दो बार के विधायक सतवीर गुर्जर व जेवर से तीन बार के विधायक वेदराम भाटी को ही टिकट दिया था। संभावना जताई जा रही थी कि मायावती का गृह जनपद का लाभ दोनों प्रत्याशियों को मिलेगा और वह अपनी-अपनी सीट बचाने में कामयाब हो जाएंगे।
व्यक्तिगत तौर पर दोनों की छवि ईमानदार और स्वच्छ है। उनके ऊपर किसी तरह के भ्रष्टाचार का भी आरोप नही है, लेकिन इस बार प्रदेश में भाजपा की ऐसी सुनामी आई, जिसकी वजह से दोनों प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने मायावती के घर में ही उसका किला ध्वस्त कर दिया।