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दिल्ली से सटे यूपी के इस शहर के लाखों लोगों को झटका, मेट्रो की रफ्तार पर लगी रोक

हजारों करोड़ रुपये के बकाए के चलते ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो का कार्य शुरू फिलहाल शुरू नहीं हो पाएगा। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक प्राधिकरण ने आधिकारिक रूप से इसके स्वीकार किया है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 08:43 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 09:19 AM (IST)
दिल्ली से सटे यूपी के इस शहर के लाखों लोगों को झटका, मेट्रो की रफ्तार पर लगी रोक
दिल्ली से सटे यूपी के इस शहर के लाखों लोगों को झटका, मेट्रो की रफ्तार पर लगी रोक

नोएडा, जेएनएन। सात हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को आम्रपाली प्रकरण की वजह से तगड़ा झटका लगा है। आम्रपाली पर प्राधिकरण का तीन हजार करोड़ से अधिक बकाया है। प्राधिकरण को यह धनराशि शीघ्र मिलती नजर नहीं आ रही। प्राधिकरण पहले से सात हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा है। आम्रपाली से बकाया धनराशि नहीं मिली तो बैंकों का कर्ज उतारना मुश्किल होगा। धनराशि के अभाव में नाइट सफारी, कन्वेंशन सेंटर, हेलिपोर्ट आदि का निर्माण कार्य पहले से स्थगित है। अब प्राधिकरण ने 20 करोड़ से अधिक लागत के सभी निर्माण कार्य और परियोजनाओं पर रोक लगा दी है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की मेट्रो लाइन, बोड़ाकी रेलवे स्टेशन तथा वहां तक जाने वाली मेट्रो परियोजना पर भी ब्रेक लग गया है। अब इन परियोजनाओं को बैंकों का कर्ज उतरने के बाद शुरू किया जाएगा।

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ग्रेनो वेस्ट व बोड़ाकी तक मेट्रो लाइन पर लगा ब्रेक

दरअसल, किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा देने की वजह से प्राधिकरण पर छह हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो गया था। प्राधिकरण ने बैंकों से कर्ज लेकर किसानों को मुआवजा बांटा था। अतिरिक्त मुआवजे की धनराशि बिल्डरों को देनी थी, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी बिल्डरों ने इस धनराशि को प्राधिकरण में जमा नहीं किया। वहीं प्राधिकरण को 60 करोड़ रुपये प्रति माह बैंकों को ब्याज के रूप में चुकाना पड़ रहा है। जमीन उपलब्ध न होने से प्राधिकरण नई विकास योजनाएं नहीं ला पा रहा। प्राधिकरण की आय का जरिया सिर्फ बिल्डरों पर बकाया धनराशि है।

बिल्डरों ने बकाया भुगतान नहीं किया तो प्राधिकरण के पास धनराशि जुटाने के लिए अन्य स्नोत नहीं है। किसानों द्वारा जमीन न दिए जाने से नई परियोजनाएं नहीं आ पा रहीं। ऊपर से आम्रपाली प्रकरण से प्राधिकरण को तीन हजार करोड़ जल्द मिलने की उम्मीद धूमिल हो गयी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आम्रपाली बिल्डर की संपत्तियों से धनराशि जुटाकर सबसे पहले खरीदारों के फ्लैट बनाकर दिए जाएंगे। इसके बाद प्राधिकरण शेष संपत्तियों से अपना पैसा निकाल पाएगा। इस प्रक्रिया में लंबा समय लगेगा। तब तक प्राधिकरण ने उन परियोजनाओं पर ब्रेक लगा दिया है, जिनमें 20 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि खर्च होगी।

सिर्फ सड़क निर्माण व पानी आपूर्ति पर होगा खर्च

प्राधिकरण ने धन की व्यवस्था होने तक सिर्फ सड़क, नाली निर्माण व पानी की आपूर्ति रखने पर खर्च करने का निर्णय किया है। सेक्टर व गांवों के विकास, मेट्रो लाइन, बोड़ाकी स्टेशन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट आदि के निर्माण पर धनराशि खर्च नहीं होगी।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को भी लगा तगड़ा झटका

ग्रेटर नोएडा वेस्ट मे धीरे-धीरे आबादी बढ़ने लगी है। लोगों की सुविधा के लिए नोएडा के सेक्टर 71 से किसान चौक तक मेट्रो लाइन बनाने का फैसला हुआ था। इसे अब स्थगित कर दिया गया है। इससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लोगों को झटका लगा है। उनका शीघ्र मेट्रो में सवारी करने का सपना टूट गया है। खरीदारों के संगठन नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार का कहना है कि प्राधिकरण व बिल्डरों की गलती की सजा यहां के लोगों को भुगतनी पड़ेगी। विकास कार्य प्रभावित हुए तो लोगों को परेशानी होगी।

इस बाबत नरेंद्र भूषण (सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण) का कहना है कि प्राधिकरण ने बड़ी परियोजनाओं के निर्माण पर फिलहाल रोक लगाने का निर्णय किया है। निर्माण शुरू होने पर काफी धनराशि की आवश्यकता पड़ेगी। फिलहाल प्राधिकरण के पास पर्याप्त धनराशि नहीं है। धन की व्यवस्था होने के बाद इन परियोजनाओं पर निर्माण शुरू होगा। 

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