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पेंशन खाते की KYC अपडेट कराने के आए कॉल तो हो जाएं सावधान, धोखाधड़ी करने वाले दो शातिर गिरफ्तार

साइबर क्राइम थाने की प्रभारी ने बताया कि नोएडा की आशा कौल के पीएनबी पेंशन खाते की केवाईसी अपडेट कराने के लिए दोनों ने 12 फरवरी को बैंक अधिकारी बनकर संपर्क किया था और खाते संबंधित जानकारी लेकर चार अलग-अलग खाते से छह लाख 25 हजार रुपये निकाल लिए थे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 14 Oct 2022 07:23 PM (IST)Updated: Fri, 14 Oct 2022 07:25 PM (IST)
पेंशन खाते की KYC अपडेट कराने के आए कॉल तो हो जाएं सावधान, धोखाधड़ी करने वाले दो शातिर गिरफ्तार
गिरोह में शामिल अन्य बदमाशों की तलाश जारी है।

नोएडा [रवि प्रकाश सिंह रैकवार]। Noida Crime: केवाईसी अपडेट कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के दो शातिर जालसाजों को सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाने की टीम ने शुक्रवार को दबोच लिया। आरोपितों की पहचान वाराणसी के राजा तालाब थानाक्षेत्र के जयापुर गांव के अंकित कुमार सिंह और सूरज सिंह के रूप में हुई है। दोनों को वाराणसी से ही दबोचा गया। आरोपितों के कब्जे से तीन मोबाइल और सात सिम बरामद हुई है। गिरोह में शामिल अन्य बदमाशों की तलाश जारी है।

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पेंशन खातों के केवाईसी अपडेट के नाम पर ठगी

साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि नोएडा की आशा कौल के पीएनबी पेंशन खाते की केवाईसी अपडेट कराने के लिए दोनों ने 12 फरवरी को बैंक अधिकारी बनकर संपर्क किया था और खाते संबंधित जानकारी लेकर चार अलग-अलग खाते से छह लाख, 25 हजार रुपये निकाल लिए थे। पीड़ित महिला ने मामले की शिकायत पुलिस से की थी।

साक्ष्य के आधार पर कई धाराओं की हुई बढ़ोत्तरी

विवेचना से मुकदमे में साक्ष्य के आधार पर कई धाराओं की बढ़ोत्तरी की गई। इसमें अंकित कुमार सिंह और सूरज सिंह का नाम प्रकाश में आया। इन्हीं दोनों के खाते में ठगी की रकम आई थी। पूछताछ के दौरान गिरोह में कई अन्य आरोपितों के शामिल होने की बात कही जा रही है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए प्रभारी निरीक्षक रीता यादव की अगुवाई में उपनिरीक्षक अजीत सक्सेना, आरक्षी रोबिन कुमार, दिनेश कुमार, सतेंद्र कुमार और सुधेन्दू को शामिल कर एक टीम बनाई गई थी।

ऐसे फंसाते थे जाल में

साइबर क्राइम थाने की प्रभारी ने बताया कि अंकित द्वारा सूरज का बैंक खाता खुलवाया गया और एटीएम, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और चेकबुक अपने सरगना को दे दी गई। इसमें दोनों ने मोटा कमीशन लिया। इसके बाद अंकित ने अंकित इंटरप्राइजेज के नाम पर अपना भी बैंक खाता खुलवाया और खाते से संबंधित सबकुछ सरगना तक पहुंचा दिया। मोटा कमीशन मिलने पर दोनों ने करीब 150 लोगों का खाता खुलवाया और एटीएम और चेकबुक सहित अन्य चीजें सरगना तक पहुंचा दी।

जालसाजों का जामताड़ा से सीधा संपर्क

आरोपितों का जामताड़ा के जालसाजों से भी सीधा संपर्क है। झारखंड के जामताड़ा में जालसाजों का एक संगठित गिरोह संचालित हो रहा है। संगठित गिरोह द्वारा बैंक खाता धारकों को बैंक अधिकारी बनकर केवाईसी अपडेट कराने के लिए फोन किया जाता है। झांसे में लेने के बाद जालसाज एनीडेस्क अप्लीकेशन डाउनलोड करवाकर ओटीपी पूछ लेते हैं और बैंक खाते से लाखों रुपये अपने और किराये के खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं।

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