UP Conversion Case: सिमी के संपर्क में रहे शिक्षकों व छात्रों की कुंडली खंगाल रही एटीएस
UP Conversion Case एटीएस को संदेह है कि सिमी के प्रतिबंधित होने के बाद भी उससे जुड़े लोगों की गतिविधियां बंद नहीं हुई हैं। उन्हें नए संगठनों से जुड़कर अपनी गतिविधियों को नए तरीके से अंजाम देना शुरू किया है।
नोएडा [लोकेश चौहान]। मतांतरण मामले में एटीएस की जांच अब नोएडा डेफ सोसायटी से आगे बढ़ते हुए दिल्ली एनसीआर के कई कालेज तक पहुंच गई है। पूर्व में दिल्ली एनसीआर के कई कालेजों में शिक्षक के तौर पर स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के सदस्य छात्रों को पढ़ा चुके हैं। मुंबई एटीएस ने करीब ढाई साल पहले ग्रेटर नोएडा के केसीसी कालेज के शिक्षक को गिरफ्तार किया था। मतांतरण का मामला सामने आने के बाद एटीएस ने करीब एक दर्जन शिक्षक व छात्रों के मोबाइल लोकेशन और काल डिटेल निकलवाई है। इन सभी को संदेह के घेरे में लेकर जांच शुरू की गई है।
इनमें ग्रेटर नोएडा के कालेजों के साथ दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कई शिक्षक व छात्र एटीएस के रडार पर हैं। मतांतरण कराने वाले आरोपितों से पूछताछ के बाद जहां नेटवर्क की परतें खुल रही हैं, वहीं कई और इस्लामिक संगठन भी जांच के दायरे में आ रहे हैं। अब एटीएस ने सिमी से जुड़े शिक्षक और छात्रों को अपने रडार पर लिया है। इसमें मुख्य रूप से ग्रेटर नोएडा व दिल्ली के कई कालेजों के वे शिक्षक, जो पूर्व में सिमी से जुड़े रहे हैं, उनकी मोबाइल डिटेल निकलवानी शुरू की है। जिन शिक्षक व छात्रों के मोबाइल बंद हैं, उनकी पिछले कुछ समय की लोकेशन और काल डिटेल भी निकलवाई जा रही है। जिससे उनकी गतिविधियों के बारे में पुख्ता जानकारी मिल सके।
एटीएस को संदेह है कि सिमी के प्रतिबंधित होने के बाद भी उससे जुड़े लोगों की गतिविधियां बंद नहीं हुई हैं। उन्हें नए संगठनों से जुड़कर अपनी गतिविधियों को नए तरीके से अंजाम देना शुरू किया है। करीब ढाई वर्ष पहले ग्रेटर नोएडा के केसीसी कालेज के एक शिक्षक और उनके संपर्क में रहने वाले अन्य शिक्षक व छात्रों को जांच के दायरे में ले लिया है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि इन्होंने मतांतरण के नेटवर्क में शामिल होकर अपनी गतिविधियों को जारी रखा है। जिससे नोएडा व दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में छात्रों को लालच और सुनहरे भविष्य के सपने दिखाकर मतांतरण कराया गया है।