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नमो देव्यै, महा देव्यै: शिक्षा की अलख जगाती आठवीं कक्षा की छात्रा

कहते हैं सेवा करने की कोई उम्र नहीं होती। आज जहां लोग सेवा के नाम पर बड़ी-बड़ी सुविधायें एवं पद मांगते हैं, वही एक आठवीं कक्षा की छोटी सी छात्रा कुमारी काजल पाल अपनी पढाई के साथ-साथ 100 से अधिक जरूरतमंद बच्चों को पिछले डेढ़ वर्ष से निशुल्क पढ़ा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 05:57 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 05:57 PM (IST)
नमो देव्यै, महा देव्यै: शिक्षा की अलख जगाती आठवीं कक्षा की छात्रा
नमो देव्यै, महा देव्यै: शिक्षा की अलख जगाती आठवीं कक्षा की छात्रा

जासं, नोएडा : कहते हैं सेवा करने की कोई उम्र नहीं होती। आज जहां लोग सेवा के नाम पर बड़ी-बड़ी सुविधायें एवं पद मांगते हैं, वही आठवीं कक्षा की छात्रा कुमारी काजल पाल अपनी पढाई के साथ-साथ 100 से अधिक जरूरतमंद बच्चों को पिछले डेढ़ वर्ष से नि:शुल्क पढ़ा रही है।

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काजल के मन में आता था कि उसके मोहल्ले के सभी बच्चे पढ़ें, उनके पास भी स्कूल बैग कापियां, किताबें हों।

नोएडा के सर्फाबाद गांव के पास की कच्ची कॉलोनी में रहने वाली काजल ने अपने पिता जी को कहकर घर की छत पर एक अस्थाई शेड बनवाया और अपनी माता जी से परदे लगवाए, बैठने के लिए पुरानी चटाइयों और बैनरों का प्रयोग किया। डेढ़ वर्ष पहले काजल जब सातवीं कक्षा में थी तो उसने स्कूल न जाने वाले छोटे बच्चों को प्रतिदिन शाम को दो घंटे पढ़ाना किया। धीरे-धीरे मोहल्ले के 100 से अधिक बच्चे पढ़ने के लिए आने लगे। पढ़ाने के साथ-साथ काजल ने अपनी, अपने भाई, बहन तथा अपनी सहेलियों की पुरानी किताबें, कापियां एवं बैग भी बच्चों को देनी शुरू कर दीं। अधिक बच्चे होने पर काजल ने अपनी सहेलियों की सहायता लेनी शुरू कर दी। काजल पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को अच्छे संस्कार भी देती है। माता पिता का सम्मान करना, बड़ों से अच्छे से बात करनी आदि अच्छी बातें भी सिखाती है। काजल ने बताया कि उन्होंने पिछले डेढ़ वर्ष में बच्चों के विकास के लिए सुलेख, ड्राइंग, गीत आदि प्रतियोगितायें आयोजित कीं। बातचीत करने पर पता चला कि काजल ने अपने मोहल्ले के बच्चों के लिए नि:शुल्क कम्प्यूटर सेंटर चलाने के लिए प्रयासरत है। छोटी सी बच्ची की सेवा भावना देखकर कई गणमान्य लोग और एनजीओ भी साथ आये। काजल को स्कूल में जो भी नया सिखाया जाता है, वो शाम को अपने बच्चों को सिखाती है। काजल के माध्यम से 200 से अधिक बच्चों को पढ़ाई में सहायता मिली। काजल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत प्रभावित है और उनसे मिलना चाहती है। काजल के पिता एक गैस एजेंसी पर गैस बांटने का काम करते हैं। काजल बड़ी होकर भी अध्यापक बनकर बच्चों को पढ़ाना चाहती है।


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