आंबेडकर प्रतिमा छतिग्रस्त कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: बिसरख कोतवाली क्षेत्र के रिछपाल गढ़ी गांव में पुलिस प्रशासन की चाक
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा:
बिसरख कोतवाली क्षेत्र के रिछपाल गढ़ी गांव में पुलिस प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था में सेंध लगाकर असामाजिक तत्वों ने संविधान निर्माता डा. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। इससे गांव में तनाव व्याप्त हो गया। पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों के सहयोग से हालात को बिगड़ने से बचाया। असामाजिक तत्वों की यह 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती से पहले प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर क्षेत्र का माहौल बिगाड़ने की कोशिश थी। लेकिन गांव के लोगों ने समझदारी व एकता का परिचय दिया। प्रशासन ने तत्काल कदम उठाते हुए क्षतिग्रस्त मूर्ति हो वहां से हटवा कर मेटल की दूसरी मूर्ति लगवाई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग दो सप्ताह पूर्व आदेश दिया यदि कहीं पर आंबेडकर प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया जाता है। इसके लिए पुलिस व प्रशासन के अधिकारी उत्तरदायी होंगे। इसके बाद मूर्तियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी सजग हो गए थे। बिसरख कोतवाली क्षेत्र के रिछपाल गढ़ी गांव में भी आंबेडकर मूर्ति लगी थी। मूर्ति लगभग 15 वर्ष पूर्व लगाई गई थी। मुख्यमंत्री के आदेश को देखते हुए वहां भी सुरक्षा के लिए दो पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगा दी गई थी। सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी देर रात कहीं चले गए। मौका पाकर रात में ही असामाजिक तत्वों ने मूर्ति की आंख, कान व नाक क्षतिग्रस्त कर दिए। शुक्रवार को सुबह लगभग नौ बजे पार्क में पहुंचकर गांव के एक युवक ने क्षतिग्रस्त मूर्ति देखी। थोड़ी देर में यह सूचना आग की तरह पूरे गांव और आसपास फैल गई। थोड़ी ही देर में मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। क्षतिग्रस्त मूर्ति देखकर लोग आक्रोशित होने लगे। लोगों ने घटना की सूचना पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को दी। मौके पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी पहुंच गए। अधिकारियों के सामने लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया। 14 को होना है कार्यक्रम
रिछपाल गढ़ी गांव में लगभग पंद्रह वर्ष पूर्व आंबेडकर प्रतिमा लगाई गई थी। जहां पर प्रतिमा लगाई गई है वहां पर एक पार्क भी बनाया गया है। समय-समय पर गांव के लोग यहां पर आकर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। आंबेडकर जयंती पर हर वर्ष कार्यक्रम का आयोजन होता है। इसके बाद भंडारा भी होता है। इस बार ग्रामीणों ने कार्यक्रम की पूरी तैयारी कर ली थी। कार्यक्रम से एक दिन पूर्व मूर्ति क्षतिग्रस्त होने से लोग नाराज हो गए। लोगों ने दिया सूझ-बूझ का परिचय
प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया। धीरे-धीरे स्थिति खराब होने लगी। लेकिन गांव के बड़े-बुजुर्गों ने लोगों को समझाकर शांत करा दिया। लोगों ने क्षतिग्रस्त मूर्ति को बदलने की मांग की। प्रशासन ने उनकी मांग मान ली। इसके बाद लोग शांत हो गए। प्रशासन ने लगवाई मेटल की मूर्ति
नई मूर्ति लाने के लिए गांव के लोग पुलिस-प्रशासन के साथ गाजियाबाद गए। जहां पर एक पत्थर की मूर्ति पसंद की। बाद में मेटल की मूर्ति लगाने का निर्णय लिया गया। मूर्ति को अलीगढ़ से मंगाया गया। लगभग सवा लाख रुपये की मूर्ति मंगाई गई। क्षतिग्रस्त मूर्ति को वहां से हटा कर नई मूर्ति लगा दी गई। कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया है। लेकिन गांव के सभी लोगों ने समझदारी का परिचय दिया। पुलिस को चाहिए दोषी व्यक्ति को गिरफ्तार कर कार्रवाई करे।
लक्ष्मण ¨सह, पूर्व प्रधान
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गांव में लगभग पंद्रह वर्ष पूर्व मूर्ति लगाई गई थी। देर रात किसी ने मूर्ति क्षतिग्रस्त की है। इससे लोगों में नाराजगी थी। प्रशासन ने नई मूर्ति लगवा दी है। मूर्ति स्थल पर 14 अप्रैल को कार्यक्रम का आयोजन होगा।
धर्मवीर, ग्रामीण
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गांव में सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। मूर्ति क्षतिग्रस्त कर कुछ असामाजिक तत्व लोगों में द्वेष पैदा करना चाहते थे। लेकिन गांव के लोगों की सूझ-बूझ के कारण वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए।
मुकेश, ग्रामीण
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गांव के साथ ही पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने भी सूझ-बूझ का परिचय दिया। नई मूर्ति लग गई है। अब हम चाहते हैं कि जो दोषी है पुलिस उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार करे।
कुलदीप, ग्रामीण
------------ गांव निवासी राजवीर की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की टीम उन लोगों का पता लगा रही है, जिन्होंने प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया है। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
सुनीति, एसपी देहात