मुरादाबाद का हस्तशिल्प निर्यात बढ़कर होगा 12 हजार करोड़ रुपये
मुरादाबाद हस्तशिल्प उद्योग की तरफ से पिछले वर्ष 10 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया गया था। इसमें इस वर्ष 20 फीसद इजाफा होने की उम्मीद है। उत्पादों में अगर नवाचार हो तो मंदी का कोई असर नहीं पड़ता। इस उद्योग को नई गति व दिशा देने में हस्तशिल्प मेले का काफी योगदान है। दैनिक जागरण से हुई बातचीत में मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के महासचिव अवेधश अग्रवाल ने यह बातें कहीं। उन्होंने बताया कि लोग कहते हैं मंदी है लेकिन उत्पाद अच्छे हों तो खरीदार मिल जाते हैं। इस बार मेले में खरीदारों को रुझान काफी अच्छा दिख रहा है। पिछले वर्ष मुरादाबाद से 10 हजार करोड़ रुपये के हस्तशिल्प उत्पाद निर्यात किए गए थे। इस बार यह आंकड़ा 20 फीसद बढ़कर 12 हजार करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि हस्तशिल्प
चंद्रशेखर वर्मा, ग्रेटर नोएडा : मुरादाबाद हस्तशिल्प उद्योग की तरफ से पिछले वर्ष 10 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया गया था। इसमें इस वर्ष 20 फीसद इजाफा होने की उम्मीद है। उत्पादों में अगर नवाचार हो तो मंदी का कोई असर नहीं पड़ता। इस उद्योग को नई गति व दिशा देने में हस्तशिल्प मेले का काफी योगदान है। दैनिक जागरण से हुई बातचीत में मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के महासचिव अवधेश अग्रवाल ने यह बातें कहीं।
उन्होंने बताया कि लोग कहते हैं मंदी है लेकिन उत्पाद अच्छे हों तो खरीदार मिल जाते हैं। इस बार मेले में खरीदारों को रुझान काफी अच्छा दिख रहा है। पिछले वर्ष मुरादाबाद से 10 हजार करोड़ रुपये के हस्तशिल्प उत्पाद निर्यात किए गए थे। इस बार यह आंकड़ा 20 फीसद बढ़कर 12 हजार करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि हस्तशिल्प के क्षेत्र में भारत का चीन प्रतिद्वंदी नहीं है। वहां मजदूरी काफी महंगी है। अमेरिकी पॉलिसी की वजह से यहां काम बढ़ रहा है। आने वाले वर्षों में देश में यह उद्योग काफी तरक्की करेगा। इसके लिए सरकार भी काफी सहयोग कर रही है। जीएसटी से उद्यमियों को परेशानी थी। उसका भी समाधान हो रहा है। अवधेश अग्रवाल ने बताया कि मुरादाबाद के उद्यमी सौर उर्जा से संयत्र संचालित करना चाहते हैं। सरकार को चाहिए कि उद्यमियों को शून्य ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराएं और वापसी के लिए दस वर्ष का समय दें। इससे छोटे उद्यमियों को काफी फायदा होगा।
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निर्यात से जुड़े व्यक्ति को सरकार में मिलनी चाहिए प्राथमिकता
अवधेश अग्रवाल ने बताया कि हस्तशिल्प से जुड़ी कई समस्याएं सरकार जानना तो चाहती हैं लेकिन उन तक नहीं पहुंच पाती। इसके पीछे की वजह जनप्रतिनिधियों को निर्यात से जुड़ी समस्याओं का पता न होना होता है। जरूरी है कि सरकार में निर्यात से जुड़े प्रतिनिधि भी हों।
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महिलाओं को कर रहे हैं सशक्त
मुरादाबाद में छोटे-बड़े हस्तशिल्प के करीब तीन हजार निर्यातक हैं। इनमें आठ लाख से अधिक कारीगर काम कर रहे हैं। यहां के उद्यमी गांवों में जाकर महिलाओं को उद्योग में काम करने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। इससे वह स्वावलंबी हो, घर के खर्चे में हाथ बंटा सके।