युवा निर्यातकों के हाथ में मुरादाबाद पीतल उद्योग की बागडोर
मुरादाबाद के पीतल उद्योग में युवा पीढ़ी ने योगदान देना शुरू कर दिया है। इससे यहां के पीतल उद्योग को अंतरराष्ट्रीय फलक पर एक बार फिर अपनी चमक बिखेरने के मौके मिलेंगे। ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित 47वें हस्तशिल्प मेला (दिल्ली फेयर) में भी युवा निर्यातकों ने प्रमुखता से खुद को स्थापित करने का प्रयास किया है। इन युवाओं के दम पर एक बार फिर से मुरादाबाद हस्तशिल्प के बाजार में गुलजार होगा। बाक्स युवा निर्यातक मि¨लद अग्रवाल 47वें हस्तशिल्प मेला युवाओं के लिए अच्छा मौका है। नई पीढ़ी को मौका दिया जा रहा है। इसका फायदा मिलेगा। मुरादाबाद में कई युवा अपने हाथों में लेने के लिए तैयार हैं। धीरे-धीरे युवा पीढ़ी इस उद्योग को अपनी सोच के हिसाब से उड़ान देने में जुटे हैं।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : मुरादाबाद के पीतल उद्योग में युवा पीढ़ी ने योगदान देना शुरू कर दिया है। इससे यहां के पीतल उद्योग को अंतरराष्ट्रीय फलक पर एक बार फिर अपनी चमक बिखेरने के मौके मिलेंगे। ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित 47वें हस्तशिल्प मेला (दिल्ली फेयर) में भी युवा निर्यातकों ने प्रमुखता से खुद को स्थापित करने का प्रयास किया है। इन युवाओं के दम पर एक बार फिर से मुरादाबाद हस्तशिल्प के बाजार में गुलजार होगा। बाक्स
युवा निर्यातक मि¨लद अग्रवाल :
47वें हस्तशिल्प मेला युवाओं के लिए अच्छा मौका है। नई पीढ़ी को मौका दिया जा रहा है। इसका फायदा मिलेगा। मुरादाबाद में कई युवा अपने हाथों में लेने के लिए तैयार हैं। धीरे-धीरे युवा पीढ़ी इस उद्योग को अपनी सोच के हिसाब से उड़ान देने में जुटे हैं। बाक्स
युवा निर्यातक कार्तिक छावड़ा :
कार्तिक छावड़ा ने बचपन से ही घर में हस्तशिल्प की बारीकियां सीखी। अच्छी शिक्षा के लिए उम्र के साथ घर की दहलीज लांघनी पड़ी। ग्रेटर नोएडा के गलगोटिया विवि से इंजीनिय¨रग की पढ़ाई पूरी करने के बाद अब हस्तशिल्प उद्योग से जुड़ कर अपनी इंजीनिय¨रग को निखार रहे हैं। इन्होंने बताया कि करीब चार साल तक नौकरी करने के बाद खुद के कारोबार में हाथ बटाना शुरू किया। खुद के कारोबार में इंजीनिय¨रग का इस्तेमाल कर लगातार इनोवेशन कर रहे हैं जो बायर को काफी पसंद आ रहा है। बाक्स
युवा निर्यातक अदिति गुप्ता :
मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई के बाद मुरादाबाद की रहने वाली अदिति गुप्ता ने करीब डेढ़ साल एनडीटीवी में नौकरी की। इसके बाद पिता जिम्मी गुप्ता के साथ कारोबार में हाथ बटाना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद भी पिता से अलग खुद का कारोबार शुरू कर दिया। मौजूदा समय में वह ग्लास व लकड़ी के बाक्स बना कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी धाक जमाने में सफल रही है। मुरादाबाद के युवा निर्यातकों के लिए अदिति प्रेरणास्त्रोत हैं। बाक्स
युवा निर्यातक रवि ¨सह :
दिल्ली विश्वविद्यालय से पीजी की पढ़ाई के बाद हस्तशिल्प उद्योग में रवि ¨सह ने भागीदारी शुरू की है। करीब दस वर्ष बाद पिता प्रेमवीर ¨सह के साथ यूटिलिटी उत्पाद के साथ इस फेयर में शिरकत की है। पहली बार में यहां बायर का रिस्पांस अच्छा मिला है। पिता के कारोबारी होने का भी फायदा मिला। इंटीरियर डेकोरेशन को इस बार बायर ज्यादा पसंद कर रहे हैं।