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धूल फांक रही एएलएस एंबुलेंस और मोबाइल टेस्टिंग वैन

मोहम्मद बिलाल नोएडा एक तरफ सरकार और स्वास्थ्य विभाग मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है वहीं दूसरी तरफ जिला अस्पताल व नोएडा कोविड अस्पताल में पांच एंबुलेंस एक मोबाइल टेस्टिंग वैन एक मोबाइल मेडिकल वैन धूल फांक रही है। इनमें दो एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस भी शामिल है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 07:50 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 07:50 PM (IST)
धूल फांक रही एएलएस एंबुलेंस और मोबाइल टेस्टिंग वैन
धूल फांक रही एएलएस एंबुलेंस और मोबाइल टेस्टिंग वैन

मोहम्मद बिलाल, नोएडा : एक तरफ सरकार और स्वास्थ्य विभाग मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिला अस्पताल व नोएडा कोविड अस्पताल में पांच एंबुलेंस, एक मोबाइल टेस्टिंग वैन, एक मोबाइल मेडिकल वैन धूल फांक रही है। इनमें दो एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस भी शामिल है।

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मरीजों को समय पर आक्सीजन व वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस मिलने में परेशानी आ रही है। अस्पताल पहुंचने के लिए लोगों को न समय पर एंबुलेंस मिल पा रही है और न ही मरने के बाद अंतिम निवास तक शव वाहन। मरीजों के स्वजन मजबूरन निजी एंबुलेंस का सहारा ले रहे हैं, जिससे महामारी के इस वक्त में उनकी जेब ढीली हो रही है, जबकि जिला अस्पताल में दो एंबुलेंस मरम्मत के अभाव में खराब पड़ी है। वहीं प्रबंधन का कहना है कि दोनों एंबुलेंस की मियाद पूरी हो चुकी है। कोविड अस्पताल में भी दो एंबुलेंस खराब, तो वहीं एक (एएलएस) एंबुलेंस चालू हालत में है। जो एंबुलेंस खराब हैं उनके या तो टायर फटे हैं या उनमें छोटी-मोटी मरम्मत बाकी है। एएलएस एंबुलेंस का तो एक बार भी अबतक इस्तेमाल नहीं हुआ है।

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पांच माह से टेस्टिंग वैन का इस्तेमाल नहीं :

कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लिए एक निजी संस्थान ने पिछले साल टेस्टिग की रफ्तार बढ़ाने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस कोरोना टेस्टिंग मोबाइल वैन स्वास्थ्य विभाग को दी थी। पिछले पांच माह से कोविड अस्पताल में मोबाइल टेस्टिंग वैन खड़ी है। इसका इस्तेमाल नहीं किया गया है। यह वैन वातानुकूलित है। इसमें सैंपलिग के लिए डाक्टरों और संदिग्ध मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था है। वैन में एक साथ दो मरीजों के सैंपल लिए जा सकते हैं। इसमें आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट दोनों की सुविधा है। वैन को अजीमुथ बिजनेस आन व्हील संस्था ने प्रशासन को दिया था। इसमें रोजाना एक हजार लोगों का टेस्ट किया जा सकता है।

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वाहन चालक न होने से नहीं दौड़ रही एंबुलेंस :

जिला अस्पताल में महज चार वाहन चालक है। इनमें दो चालक वीआइपी ड्यूटी में व्यस्त रहते हैं। वहीं दो चालकों की ड्यूटी विभिन्न एंबुलेंस पर है। इससे बाकी एंबुलेंस को चलाने वाला कोई नहीं है, जिससे यह एंबुलेंस खराब हो रही है।

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जिला अस्पताल में जो एंबुलेंस खड़ी है उनकी मियाद पूरी हो चुकी है। वहीं नोएडा कोविड अस्पताल में कोई भी एंबुलेंस खराब नहीं है। एएलएस एंबुलेंस का संचालन पंजीकरण न होने से शुरू नहीं हो सका है।

-डॉ. रेनू अग्रवाल, सीएमएस, जिला अस्पताल


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