मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए कंपनियों ने दिए सुझाव, शामिल होंगे डीपीआर में
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा चिकित्सीय उपकरण बनाने वाली कंपनियों ने मेडिकल डिवाइस प
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : चिकित्सीय उपकरण बनाने वाली कंपनियों ने मेडिकल डिवाइस पार्क में नवीनतम तकनीक पर आधारित उपकरण बनाने वाली इकाईयों को भूखंड आवंटन में प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। उन्होंने यह आग्रह वेबिनार के दौरान किया। इसका आयोजन यमुना प्राधिकरण ने किया था। मेडिकल डिवाइस पार्क को लेकर कंपनियों की जरूरत एवं सुझावों को जानने के मकसद से यह वेबिनार आयोजित किया गया था।
केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश के पहले मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए सैद्धांतिक सहमति दे चुकी है। मेडिकल डिवाइस पार्क को यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 28 में साढ़े तीन सौ एकड़ में तीन चरण में विकसित किया जाएगा। इसका पहला चरण 90 एकड़ में होगा। प्राधिकरण अर्नेस्ट एंड यंग से मेडिकल डिवाइस पार्क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करा रहा है। चिकित्सा उपकरण बनाने वाली कंपनियों से सुझाव लेकर डीपीआर को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसलिए प्राधिकरण ने वेबिनार का आयोजन किया। देश में चिकित्सा उपकरण बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि इस वेबिनार में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि चिकित्सीय उपकरण में तकनीकी बदलाव तेजी से हो रहा है।
प्लाज्मा, रेडियो थैरेपी समेत विभिन्न बीमारियों की जांच एवं उपचार के लिए नवीनतम तकनीकी पर आधारित उपकरण बन रहे हैं। देश में इसकी काफी जरूरत है। इसलिए मेडिकल डिवाइस पार्क में ऐसी इकाईयों को स्थापित करने में प्राथमिकता मिलनी चाहिए जो देश के चिकित्सा क्षेत्र की जरूरत को पूरा करने में सक्षम हो।
उन्होंने मेडिकल डिवाइस पार्क में जरूरत एवं सुविधाओं के विकास को लेकर सुझाव भी दिए। प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि इन सुझावों को डीपीआर में शामिल करते हुए केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलने के बाद मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए भूखंड योजना लाई जाएगी। इस माह के अंत तक योजना आने की संभावना है।
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चार राज्यों में बनेंगे मेडिकल डिवाइस पार्क
केंद्र सरकार ने चार राज्यों को मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करने की स्वीकृति दी है। इसमें उत्तर प्रदेश के अलावा हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश व तमिलनाडु शामिल हैं।