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कोरोना के बाद मलेरिया की दस्तक से हड़कंप

आशीष धामा नोएडा एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग कोरोना को मात देने के लिए संघर्षरत है वहीं दूसरी ओर मलेरिया ने भी जिले में दस्तक दे दी है। मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम को चलाए जा रहे अभियान में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। घर-घर पहुंचकर हुई मलेरिया की जांच में अब तक पांच मरीज मिल चुके हैं। अब स्वास्थ्य अमले की चुनौती दोगुनी हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 10:13 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 06:12 AM (IST)
कोरोना के बाद मलेरिया की दस्तक से हड़कंप

आशीष धामा, नोएडा

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एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग कोरोना को मात देने के लिए संघर्षरत है, वहीं दूसरी ओर मलेरिया ने भी जिले में दस्तक दे दी है। मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम को चलाए जा रहे अभियान में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। घर-घर पहुंचकर हुई मलेरिया की जांच में अब तक पांच मरीज मिल चुके हैं। अब स्वास्थ्य अमले की चुनौती दोगुनी हो गई है।

बारिश के मौसम में मलेरिया की संभावना बढ़ जाती है। बारिश के कारण तापमान 15 से 30 डिग्री व वायुमंडल में आ‌र्द्रता सात फीसद से ज्यादा होने पर मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। ऐसे समय में मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए मलेरिया विभाग संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अलावा विभिन्न प्रयास कर बीमारी की रोकथाम करता है। घर-घर पहुंचकर एंटी लार्वा दवा का छिड़काव व मलेरिया की जांच की जाती है। यह अभियान एनीमिया और कुपोषण को दूर करने में भी काफी अहम माना जाता है। जनवरी से अब तक मलेरिया विभाग 15363 लोग की स्लाइड जांच के लिए भेज चुका है। इनमें 10 हजार से अधिक स्लाइड कोरोना के प्रभावी होने पर अप्रैल से जून के बीच भेजी गई थी। इनमें पांच लोग मलेरिया से ग्रसित मिले हैं, जबकि 2019 में 28142 स्लाइड के सापेक्ष 424 मरीज मिले थे। कोरोना के साथ-साथ मलेरिया की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग के होश उड़ा दिए हैं। फिलहाल मलेरिया विभाग डेंगू व चिकनगुनिया का नया मरीज न मिलने का दावा कर रहा है। कोरोना व मलेरिया में समानता

दोनों ही बीमारियों में वायरस शरीर के अंदर रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) को तोड़ता है। जिससे खून का थक्का जमता है। दोनों बीमारियों में मरीज को बुखार आता है। खास बात यह है कि मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन कोरोना वायरस से लड़ने में भी असरदार है। पिछले तीन वर्षों का आंकड़ा

वर्ष डेंगू मलेरिया

2017 13 402

2018 28 434

2019 40 424

2020 (अब तक) 5 0 अभियान के तहत एंटी लार्वा दवा का छिड़काव व फॉगिंग की जा रही है। अब तक मलेरिया के पांच मरीज मिले हैं। आंकड़ों को इससे अधिक न होने के लिए प्रयास जारी है।

डॉ. राजेश शर्मा, जिला मलेरिया अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर


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