संशोधित : दिल्ली-एनसीआर से कार चुरा कश्मीर में बेचने वाले छह गिरफ्तार
जागरण संवाददाता नोएडा दिल्ली-एनसीआर से लग्जरी कारें चुराकर सस्ते दाम पर कश्मीर और म
जागरण संवाददाता, नोएडा :
दिल्ली-एनसीआर से कारें चुराकर सस्ते दाम पर कश्मीर और मेरठ में बेचने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के छह शातिरों को कोतवाली सेक्टर 58 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनकी निशानदेही पर दिल्ली व एनसीआर से चोरी की गई 13 कारे बरामद हुईं हैं। पकड़े गए आरोपितों की पहचान मनोज नेहरा निवासी मुजफ्फरनगर, फिरोज निवासी भोपुरा साहिबाबाद गाजियाबाद, अफजाल राजपूत निवासी दौराला मेरठ, लवप्रीत सिंह निवासी शामली, राहत निवासी देहली गेट मेरठ और सुभाष सैनी निवासी अंबाला हरियाणा के रूप में हुई है। गिरोह में शामिल दो शातिर कश्मीर निवासी आदिल और मेरठ निवासी अयूब फरार हैं। यह दोनों चोरी की कार को आगे सप्लाई करते थे। पुलिस के अनुसार आरोपितों की निशानदेही पर बरामद हुई करीब छह से अधिक कार दिल्ली के अलग-अलग थाना क्षेत्र से चोरी की गई हैं, जबकि अन्य कारों के बारे में जानने की कोशिश जारी है। 100 से अधिक कार चुरा चुका है गिरोह -
डीसीपी नोएडा राजेश एस ने बताया कि यह गिरोह पिछले कुछ वर्षों से सक्रिय है। 100 से अधिक कार चुराकर कश्मीर व मेरठ में सप्लाई कर चुका है। 12 से अधिक केवल ब्रेजा कार कश्मीर में सप्लाई हुई हैं। चोरी के बाद कार का इंजन व चेसिस नंबर बदल कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर दो से चार लाख रुपये में कश्मीर में बेच देते हैं। मेरठ में भी बड़े स्तर पर गाड़ियों के बेचने की बात सामने आई है। एसीपी द्वितीय नोएडा रजनीश वर्मा ने बताया कि कार चोरी करने के लिए एक विशेष साफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। रेकी करने के बाद कार को पहले ब्लूटूथ से कनेक्ट करते हैं। उसके बाद एप के जरिए कार को अनलॉक कर पांच से 10 मिनट में ही चोरी कर लेते हैं। पकड़ा गया आरोपित मनोज नेहरा और अफजाल कार चोरी में माहिर हैं। फरार आरोपित आदिल कश्मीर से डिमांड लाकर गाड़ियां यहां से ले जाता है। पुलिस का दावा है कि आरोपितों की निशानदेही पर बरामद हुई कारें भी आदिल और अयूब को सप्लाई करने के लिए विभिन्न जगहों पर पार्क कर रखी गई थीं। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपित अफजाल और मनोज चोरी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड हैं। करीब 10 वर्ष से अपराध में सक्रिय आरोपित अफजाल के खिलाफ चोरी, धोखाधड़ी, एनडीपीएस एक्ट सहित अन्य कई धाराओं के तहत दिल्ली में करीब डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हैं। मनोज के खिलाफ करीब 10 फिरोज, लवप्रीत, राहत, सुभाष के खिलाफ भी कई मामले विभिन्न जगह दर्ज हैं।