सुनो वित्त मंत्री जी.. इंडस्ट्री स्टेटस मिले, तो रियल एस्टेट होगा और भी मजबूत
नोएडा रियल एस्टेट देश के सबसे महत्वपूर्ण सेक्टरों में से एक है। अगर दिल्ली व एनसीआर की बात करें तो शुरुआत से ही रियल एस्टेट से कई लोगों को फायदा मिला है।
जागरण संवाददाता, नोएडा : रियल एस्टेट देश के सबसे महत्वपूर्ण सेक्टरों में से एक है। अगर दिल्ली व एनसीआर की बात करें, तो शुरुआत से ही रियल एस्टेट से कई लोगों को फायदा मिला है। इसमें रोजगार सृजन भी सबसे अधिक रहा है। ये एकमात्र ऐसा सेक्टर जिससे ना सिर्फ लोगों के घरों का सपना पूरा होता है, बल्कि इससे जुड़े और कई संबधित सेक्टरों को भी लाभ मिलता है। पहले के मुकाबले पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट की गति धीमी हुई है। शुरुआत से ही अगर देखें, तो नोटबंदी जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक कदम रहा, उसके बाद जीएसटी और रेरा का आना भी रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छा रहा। इससे सेक्टर में कई सुधार आए, लेकिन इन सभी संशोधनों के बाद भी सेक्टर एक वित्तीय संकट से जूझ रहा है। सेक्टर को किसी भी तरह का वित्तीय सहयोग नहीं मिलना एक बेहद गंभीर मुद्दा है। वर्जन..
आने वाले बजट से उम्मीद है कि रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा मिले। इसके जो फायदे होने वाले हैं, उसमें सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष में बजट पेश करने पर एक हिस्सा रियल एस्टेट सेक्टर का भी होगा। इस फंड की उपलब्धता से समय पर प्रोजेक्ट शुरू और पूरा करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। इसके अलावा बिल्डर को पैसे के लिए बैंकों व एनबीएफसी के पास नहीं दौड़ना पड़ेगा। फंड की उपलब्धता उचित ब्याज दर पर मिलेगी। इससे प्रोजेक्ट की लागत में कमी आएगी। इसका फायदा घर खरीदारों को मिलेगा।
-अमित मोदी, डायरेक्टर, एबीए कार्प और प्रेसीडेंट (इलेक्ट), क्रेडाई वेस्टर्न यूपी
करीब 350 उद्योग रियल एस्टेट पर निर्भर करते हैं। सेक्टर में तेजी आने से अन्य इंडस्ट्री में भी तेजी आएगी। रियल एस्टेट में तेजी बैंक के एनपीए को नीचे ला सकती है, क्योंकि बैंक ऋण के दौरान भूमि और घर को सिक्योरिटी, गिरवी या संपािर्श्वक के रूप में रखते हैं। हम बजट में चाहते हैं कि रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा मिले। सेक्टर के लिए उचित सब्सिडी दी जाए। आवास और निर्माण के लिए ऋण कम ब्याज दर पर मिले। इनकम टैक्स के कुछ सेक्शन से रियल एस्टेट को छूट मिले। सर्किल रेट से कम के लेन-देन के तहत कोई टैक्स न लगे, क्योकि कई जगह सर्किल और मार्केट रेट में काफी फर्क है। रियल एस्टेट में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) बंद है, लेकिन बाकी सभी सेक्टर लाभ उठा रहे हैं।
-सुरेश गर्ग, सीएमडी, निराला वर्ल्ड
रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा मिले, ताकि सेक्टर में तेजी आए और लोगो को रोजगार मिले। पीएमवाई की सब्सिडी और समय सीमा दोनों बढ़ानी चाहिए, ताकि पहली बार घर लेने वालों को अधिक समय मिले और ज्यादा बचत हो। रियल एस्टेट में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) वापस लाना चाहिए, जिससे कास्ट कंट्रोल हो सके। सिगल विडो सिस्टम के तहत तय समय मे प्रोजेक्ट को सभी अप्रूवल मिलने चाहिए, जिससे प्रोजेक्ट कास्ट कम हो सके। जैसे रेरा के तहत बिल्डर कास्ट नही बढ़ाते, वैसे ही स्टील और सीमेंट की कीमतों पर राष्ट्रीय स्तर पर रेगुलेटरी बने, ताकि कंस्ट्रक्शन कास्ट प्रभावित ना हो।
-सुबोध गोयल, सचिव, क्रेडाई, वेस्टर्न यूपी