जगह की कमी अक्षय ऊर्जा उत्पादन में बन रही बाधा
पंकज मिश्रा, ग्रेटर नोएडा : अक्षय ऊर्जा की शहरों में व्यापक स्तर पर मांग है, लेकिन जगह की कमी ऊर्
पंकज मिश्रा, ग्रेटर नोएडा : अक्षय ऊर्जा की शहरों में व्यापक स्तर पर मांग है, लेकिन जगह की कमी ऊर्जा के उत्पादन में बाधक साबित हो रही है। यह बात इंडिया एक्सपो मार्ट में मंगलवार से शुरू हुए रिन्यूवल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) शो में बतौर प्रदर्शक मौजूद शिव मित्तल ने कहीं। शिव की हरियाणा के सोनीपत में अक्षय ऊर्जा से संबंधित उत्पादों की रिहाइन सोलर लिमिटेड नामक एक फैक्ट्री है। शिव के मुताबिक मौजूदा समय में देश में अक्षय ऊर्जा की मांग बढ़ रही है, इसका सीधा संबंध उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या से है। गांव-गांव में सोलर संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं और सोलर पैनल के जरिये बड़े पैमाने पर अक्षय ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। शिव ने बताया कि लोग सोलर संयंत्र लगवाना तो चाहते हैं, लेकिन उनके पास छत ही नहीं है। बड़े-बड़े अपार्टमेंट्स में लोग रह रहे हैं, जहां हजारों लोगों के बीच कुछ वर्गमीटर की छत मौजूद है।
शिव ने बताया कि अक्षय ऊर्जा का उत्पादन दक्षिण भारत में तो काफी पहले से किया जा रहा है, हाल के वर्षों में उत्तर भारत में इसकी मांग बढ़ी है। जोखिम भरा है नदियों के किनारे अक्षय ऊर्जा उत्पादन :
जगह की कमी होने के कारण सरकार व निजी संस्थाएं नदियों व नालों के किनारों पर स्थित खाली जगहों पर सोलर पैनल स्थापित करने की योजना पर कार्य कर रही हैं, लेकिन यह प्रयोग जोखिम भरा है। शिव मित्तल के मुताबिक नालों व नदियों से निकलने वाली मीथेन व धूल इत्यादि सौलर पैनल के लिए हानिकारक होती है। नेट मीटर का आना अक्षय ऊर्जा उत्पादन की एक बड़ी वजह है, क्योंकि इसके जरिये विद्युत की सप्लाई की जा सकती है। यही वजह है कि लोग सोलर संयंत्र स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। अक्षय ऊर्जा की अहमियत को समझते हुए लोग इसे खासा महत्व दे रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर सोलर संयंत्र स्थापित होंगे, लेकिन शहरों में जगह की कमी इसके आड़े आ रही है।
- शिव मित्तल, निदेशक रिहाइन सोलर लिमिटेड