पांच करोड़ की लागत से जिम्स में तैयार होगी प्रयोगशाला
चंद्रशेखर वर्मा ग्रेटर नोएडा कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में केंद्रीय शोध प्रयोगशाला बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। पिछले दिनों शासकीय निकाय जीबी की बैठक में इसे हरी झंडी भी मिल चुकी है। शासन से मंजूरी मिलते ही भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।
चंद्रशेखर वर्मा, ग्रेटर नोएडा
कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में केंद्रीय शोध प्रयोगशाला बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। पिछले दिनों शासकीय निकाय जीबी की बैठक में इसे हरी झंडी भी मिल चुकी है। शासन से मंजूरी मिलते ही भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। चिकित्सक और संस्थान के लिए शोध बेहद जरूरी होते हैं। इसके लिए वैश्विक स्तर की प्रयोगशाला भी जरूरी है। इनमें ऐसे शोध किए जा सकते हैं, जिनसे बड़ी संख्या में जनसंख्या प्रभावित होती हो। नई व पुरानी बीमारियों के सस्ते व कारगर इलाज खोजे जाते हैं। जिम्स में शोध के लिए न तो निश्चित जगह है और न अच्छे उपकरण। प्रयोगशाला बनने से इन परेशानियों से निजात मिल जाएगी।
15 जुलाई को जीबी की ऑनलाइन बैठक हुई थी। इसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव ने की थी। बैठक में अन्य संसाधनों के साथ प्रयोगशाला बनाने को भी हरी झंडी दी गई। शासन से मंजूरी मिलते ही प्रस्ताव बनाकर आइसीएमआर को भेजा जाएगा। परिषद की तरफ से उपकरण, फर्नीचर व अन्य सामान खरीदने के लिए पांच करोड़ रुपये तक का अनुदान मुहैया कराया जाएगा। इसके बाद भी आइसीएमआर की तरफ से शोध कार्य के लिए अलग से अनुदान दिया जाएगा। प्रयोगशाला बनने पर सभी चिकित्सक एक निश्चित जगह पर शोध कार्य कर सकेंगे। यहां आठ डॉक्टरों की टीम काम करेगी। संयोजन का कार्य मेडिसन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर सौरभ श्रीवास्तव को दिया गया है। पांच सौ वर्ग मीटर में बनेगी लैब
प्रयोगशाला को संस्थान के मुख्य भवन में बनाया जाएगा। प्रथम तल में बनने वाली इस लैब के लिए 500 वर्ग मीटर जगह निर्धारित की गई है। यहां शोध के लिए सभी तरह के अत्याधुनिक उपकरण मौजूद रहेंगे। कुछ उपकरण तो यहां पहले से हैं। कुछ को खरीदा जाएगा। प्रदेश में दो संस्थानों में है प्रयोगशाला
प्रदेश में अभी दो संस्थान में विश्वस्तरीय शोध प्रयोगशाला है। इनमें कानपुर मेडिकल कॉलेज और बनारस हिदू विश्वविद्यालय शामिल है। जिम्स में प्रयोगशाला बनने के साथ ही संख्या तीन हो जाएगी।
प्रयोगशाला के लिए शासन से मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव बनाकर आइसीएमआर को भेजा जाएगा। वहां से अनुमोदन मिलते ही प्रयोगशाला बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
-डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, प्रशासनिक अधिकारी, जिम्स