पूर्वोत्तर में कीवी की खेती ने बदली किसानों की दशा
पूर्वोत्तर में कीवी की खेती ने किसानों की आमदनी बढ़ा कर उनकी दिशा बदल दी। एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डलवलपमेंट आथर्रिटी (एपीडा) किसानों को उन्नत खेती की विधि बता कर अधिक पैदावार के साथ गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दे रहा है। कीवी के उत्पादन में बढ़ोतरी होने के साथ अब इससे वाइन भी बनने लगा है। इससे किसानों की आय तेजी से बढ़ी है। ये बातें एपीडा के एजीएम बिद्युत बोराह ने इंडस फूड प्रदर्शनी के दौरान एक्सपो मार्ट में कही। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में कीवी की खेती करीब 200 हेक्टेयर क्षेत्र में की जा रही है। कलस्टर बना कर कीवी के खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
रणजीत मिश्रा, ग्रेटर नोएडा : पूर्वोत्तर में कीवी की खेती ने किसानों की आमदनी बढ़ा कर उनकी दिशा बदल दी। एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीडा) किसानों को उन्नत खेती की विधि बताकर अधिक पैदावार के साथ गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष ध्यान दे रहा है। कीवी के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने के साथ अब इससे वाइन भी बनने लगा है। ये बातें एपीडा के एजीएम बिद्युत बोराह ने इंडस फूड प्रदर्शनी के दौरान एक्सपो मार्ट में कहीं।
एजीएम ने कहा कि पूर्वोत्तर में कीवी की खेती करीब 200 हेक्टेयर क्षेत्र में की जा रही है। कलस्टर बनाकर कीवी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। अरुणाचल प्रदेश में नारा आबा ब्रांड की वाइन कीवी से बनाई जा रही है। इसे बनाने के लिए किसानों से सीधे खरीद की प्रक्रिया शुरू की गई है। छोटे-छोटे किसानों को भी कीवी की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि करीब 500 से अधिक किसान इसकी खेती से जुड़ चुके हैं। फिलहाल वाइन की बिक्री अरुणाचल प्रदेश व असम में की जा रही है। जल्द ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसे बेचा जा सकता है। मंगलवार को इंडस फूड प्रदर्शनी के दौरान जापान व म्यांमार से कीवी वाइन के लिए अनुबंध हो सकता है। इन दोनों देशों में कीवी वाइन की काफी डिमांड है। अनुबंध होने से किसानों की आय व कीवी वाइन के निर्यात दोनों में बढ़ोत्तरी होगी।