यंग अचीवर : कमजोरी को ताकत बना कबड्डी में नेशनल जूनियर तक पहुंचे सुमित
गांव के मैदान से कबड्डी की शुरूआत करने वाले सोलह वर्षीय युवा कबड्डी खिलाड़ी सुमित भाटी ने जूनियर नेशनल तक का सफर तय कर विभिन्न प्रतियोगिता में उम्दा प्रदर्शन किया। इस उपलब्धि के साथ सुमित गांव के अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत भी बन गए हैं। इनके गांव के कई युवा खिलाड़ी विभिन्न एकेडमी से कबड्डी की बारीकियां सीख रहे हैं। गर्दन में (अक्षमता) समस्या की वजह से शुरूआती दिनों में सुमित बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। साथी खिलाड़ी उन्हें अपने साथ किसी भी खेल में शामिल करने से परहेज करते थे।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : गांव के मैदान से कबड्डी की शुरुआत करने वाले सोलह वर्षीय युवा कबड्डी खिलाड़ी सुमित भाटी ने जूनियर नेशनल तक का सफर तय करते हुए विभिन्न प्रतियोगिताओं में उम्दा प्रदर्शन किया। उपलब्धि के साथ सुमित गांव के अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत भी बन गए हैं। इनके गांव के कई युवा खिलाड़ी विभिन्न एकेडमी से कबड्डी की बारीकियां सीख रहे हैं। गर्दन में (अक्षमता) समस्या की वजह से शुरुआती दिनों में सुमित बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। साथी खिलाड़ी उन्हें अपने साथ किसी भी खेल में शामिल करने से परहेज करते थे। सुमित ने इसी को अपना हथियार बनाया। उन्होंने गांव से बाहर जेडी एकेडमी के कोच जितेंद्र नागर से संपर्क कर यहां दाखिला ले लिया। जितेंद्र नागर ने सुमित को प्रतिभा को तराशा व उन्हें जूनियर नेशनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। सुमित ने यहां तक पहुंचने के लिए मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी। राष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी टीम का प्रतिनिधित्व का सपना देखकर सुमित ने विभिन्न प्रतियोगिता में अपने प्रदर्शन के दम पर पदक जीतने में सफल रहे हैं। हाल में ही उन्होंने नेशनल जूनियर में पदक जीतकर परिवार व शहर का नाम रोशन किया। सुमित एक बार नेशनल जूनियर व तीन बार स्टेट स्तरीय टीम में भागीदारी कर चुके हैं। सुमित के पिता दिल्ली नगर निगम के जल विभाग में कार्यरत हैं। सुमित को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके पिता का बहुत ही बड़ा योगदान है।
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