जेवर हवाई अड्डे से होगी किसानों की बल्ले बल्ले
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद यमुना प्राधिकरण ने क्षेत्र के विकास का खाका तैयार करना शुरू कर दिया है। विकास के केंद्र में खासतौर पर किसान होंगे। उन्नत खेती, खाद्य प्रसंस्करण से लेकर उनके उत्पाद विदेशों तक पहुंचाने की योजना है। हवाई अड्डे के आस पास अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए ढांचागत सुविधाएं तैयार होंगी।
जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सैद्धांतिक मंजूरी पर नागर विमानन मंत्रालय ने 23 अप्रैल को मुहर लगा दी है। जेवर हवाई अड्डे का फायदा स्थानीय क्षेत्र के लोगों को मिलेगा। पहले फेज में हवाई अड्डे के लिए सात हजार एकड़ जमीन निर्माण कंपनी को दी जाएगी। इसके अलावा नॉन एयरो एक्टिविटी के लिए आरक्षित जमीन पर कामर्शियल गतिविधि होंगी। प्राधिकरण ने इसकी रूपरेखा भी तैयार करना शुरू कर दिया है। आगरा, मथुरा, वृंदावन व दिल्ली सैर सपाटे के लिए आने वाले राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को देखते हुए हवाई अड्डे के पास पास होटल, रेस्टोरेंट, मॉल आदि विकसित होंगे। ताकि जेवर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद पर्यटक यहीं ठहर कर पर्यटन के लिए इन शहरों का रुख करें। अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेस के लिए विश्व स्तरीय कंवेंशन सेंटर विकसित होगा। कांफ्रेंस में शिरकत के बाद लोगों के लिए आस पास के पर्यटक स्थलों की सैर करना आसान होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रदर्शनी स्थल, लेजर प्लाजा भी विकसित होगा। प्राधिकरण की कोशिश है कि हवाई अड्डे के निर्माण से क्षेत्रीय पर्यटन एवं कामर्शियल गतिविधि की संभावनाओं का अधिक से अधिक दोहन हो सके।
किसानों को होगा फायदा
कामर्शियल गतिविधि का फायदा जेवर हवाई अड्डे के आस पास के गांवों में बसे लोगों को होगा। उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। प्राधिकरण ने इस दिशा में भी कार्य शुरू कर दिया है। इलाके में दुग्ध, फ्लोरी कल्चर, फल एवं सब्जी का उत्पादन काफी अधिक है। कृषि उत्पाद को दुनिया के देशों तक पहुंचाने के लिए प्राधिकरण अंतरराष्ट्रीय स्तर की मंडी विकसित करेगा। इसमें प्रसंस्करण से लेकर विपणन, उत्पाद को सुरक्षित रखने की सुविधाएं होंगी। हवाई जहाज के जरिये इन उत्पाद को अन्य देशों में भेजा जा सकेगा। इसका सीधा फायदा किसानों को होगा। यहीं नहीं होटल, रेस्टोरेंट मॉल की स्थापना का भी फायदा स्थानीय लोगों को होगा। उनके उत्पाद की खपत इनमें होगी। इससे किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिलेगी। युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। किसान एवं युवाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र खुलेंगे। फ्रांस, हॉलैंड, इस्तांबुल में हवाई अड्डे के आस पास मंडी विकसित की गई हैं। प्राधिकरण उनका भी अध्ययन करेगा। 36 माह में तैयार होगा हवाई अड्डा : जेवर हवाई अड्डे का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य 36 माह रखा गया है। निर्माण एजेंसी से समझौते के दिन से 36 माह के अंदर उसे पहले चरण के हवाई अड्डे का निर्माण पूरा करना होगा। पहले चरण में एक रनवे, एयर ट्रैफिक कंट्रोल समेत अन्य ढांचागत कार्य पूरे करने होंगे। प्राधिकरण का दावा है कि सभी कार्य तय समय सीमा में पूरे हुए तो 2021 में जेवर हवाई अड्डे से उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी। पहले चरण के निर्माण पर करीब 15000 करोड़ खर्च आएगा। दूसरे चरण के अन्य कार्यों के लिए तीन हजार करोड़ की और जरूरत होगी। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण से किसानों को भी लाभ मिलेगा। उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। व्यापार में भी किसान आगे आ सकेंगे। प्राधिकरण उनके लिए प्रशिक्षण केंद्र बनाएगा।
डा. अरुणवीर ¨सह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण