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जेपी का ब्लू प्रिंट, निवेशकों का हंगामा

सेक्टर-62 स्थित जेपी बिजनेस इंस्टीट्यूट में आयोजित की गई। जिसमें जेपी एसोसिएट ने जेपी इंफ्राटेक की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने का एक ब्लू प्रिट तैयार होने के दावा प्रस्तुत किया। इस ब्लू प्रिट के आधार पर उसने होम बायर्स से अपने पक्ष में वोट डालने व एक बार फिर से भरोसा करने की अपील की। बैठक में मौजूद

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 08:44 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:18 AM (IST)
जेपी का ब्लू प्रिंट, निवेशकों का हंगामा
जेपी का ब्लू प्रिंट, निवेशकों का हंगामा

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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जेपी इंफ्राटेक को बचाने के लिए जेपी एसोसिएट जोर आजमाइश करने में जुट गया है। बायर्स को अपने पक्ष में करने के लिए शुक्रवार को एक मैराथन बैठक सेक्टर-62 स्थित जेपी बिजनेस इंस्टीट्यूट में हुई। इसमें जेपी एसोसिएट ने जेपी इंफ्राटेक की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने का एक ब्लू प्रिट तैयार होने के दावा प्रस्तुत किया। इस ब्लू प्रिट के आधार पर उसने होम बायर्स से अपने पक्ष में वोट डालने व एक बार फिर से भरोसा करने की अपील की। बैठक में मौजूद 80 प्रतिशत होम बायर्स इस दावे के विरोध में दिखे। होम बायर्स का एक खेमा एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर बैठ गया। बायर्स ने आरोप लगाया कि अधिग्रहण होने से चार दिन पहले जेपी एसोसिएट फिर से उनके साथ आश्वासन का खेल कर रहा है, जिसे बर्दास्त नहीं करेंगे। दरअसल एनबीसीसी 25 अप्रैल तक कर्ज में डूबी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण और आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संशोधित बोली प्रस्तुत कर सकती है।

सूत्रों का कहना है कि जेपी इंफ्राटेक के ऋणदाताओं ने मंगलवार को यहां बैठक की और एनबीसीसी को 25 अप्रैल तक अपनी योजना प्रस्तुत करने को कहा। एनबीसीसी और सुरक्षा समूह जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण करने की दौड़ में है। इसके अलावा जेपी समूह के प्रमोटर्स ने उधारदाताओं के ऋण और पूर्ण परियोजनाओं को निपटाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की पेशकश की है लेकिन इस पर विचार नहीं किया जा रहा है। लिहाजा शुक्रवार को होम बायर्स का समर्थन लेने के लिए जेपी एसोसिएट ने बैठक की। इस मौके पर मालिक मनोज गौड़ के साथ जय प्रकाश गौड़ भी मौजूद रहे। बैठक में जेपी के एडवाइजर व कंपनी प्रवक्ता अजीत कुमार ने बताया कि उनके पास ऐसा प्लान व ब्लू प्रिट है, जिसकी बदौलत वह होम बायर्स से जुड़ी परियोजनाओं को साढ़े तीन साल में पूरा कर सकते हैं। इसके लिए एक एस्क्रो खाता खुलवाया जाएगा। जिसमें 1500 करोड़ रुपये जमा कराए जाएंगे। ये रकम सिर्फ अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए खर्च की जाएगी। इसके अलावा 100 एकड़ लैंड रिजर्व रखी जाएगी। ताकि जरूरत पड़ने पर इसका प्रयोग किया जा सके। उन्होंने जेपी के इंवेंट्री यानी बिना बिके फ्लैट व बायर्स से आने वाली रकम का हवाला देते हुए बताया कि इतना काफी होगा हमारी अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने में। मैराथन के बीच होम-बायर्स ने किया जमकर हंगामा

सेक्टर-62 स्थित जेपी बिजनेस इंस्टीट्यूट में होम बायर्स और जेपी के मालिकान के बीच मंत्रणा शुरू हुई। बायर्स पिछले दस सालों से आशियाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, उन्हें सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है। जेपी इंफ्रा के मालिक मनोज गौड़ का कहना है कि ब्लू प्रिट तैयार है और जल्द ही मामले का हल खोज लिया जाएगा। प्रस्तुतीकरण के बाद होम बायर्स ने अपने सवाल रखे लेकिन जवाब के बदले होम बायर्स को आश्वासन दिया जाने लगा। बायर्स ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान वहां मौजूद बाउंसरों ने एक महिला बायर्स के साथ बदसलूकी भी की, हालांकि जेपी प्रवक्ता इस बात से अंजान दिखे। हाथापाई की नौबत तक आ गई। ऐसे में भारी पुलिस बल को भी तैनात किया गया। कई बार पुलिस को होम बायर्स व जेपी प्रबंधन के बीच हस्तक्षेप करना पड़ा।

बैठक से बाहर निकलने के बाद बायर्स ने जेपी के खिलाफ कड़ी नाराजगी प्रकट की और कहा कि जेपी ने प्रॉपर्टी डीलर्स को बैठक में शामिल कराया। जो बीच-बीच में उनके ब्लू प्रिट पर तालियां बजाते और बिल्डर का समर्थन करने का दबाव बनाते रहे। इससे इस बात की पुष्टि हो रही थी कि बिल्डर ने एक योजनाबद्ध तरीके से इस बैठक का आयोजन किया था। जिसमें केवल अपनी कंपनी बचाने के लिए बायर्स का समर्थन जुटाने का प्रयास किया गया। पहली बार जय प्रकाश गौड़ भी बायर्स के सामने हाथ जोड़ते नजर आए, लेकिन तब कहा थे जब बायर्स सड़क से लेकर कोर्ट तक संघर्ष कर रहे थे। जेपी एसोसिएट्स गई सुप्रीम कोर्ट

रियल्टी कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड ने पुनरुद्धार योजना के अनुमोदन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने इससे पहले कंपनी को उन घर खरीदारों को भुगतान के लिए कोर्ट में रकम जमा करने को कहा था, जिन्होंने घर की आस छोड़ रकम ही वापस मांग ली थी। कंपनी ने इस मद में सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में 100 करोड़ रुपये भी जमा कराया था। अपनी याचिका में कंपनी ने कहा कि उसकी पुनरुद्धार योजना घर खरीदारों, वित्तीय कर्जदारों, परिचालन कर्जदारों और आंशिक शेयरधारकों समेत जेपी इंफ्राटेक के कर्मचारियों के हितों की भी रक्षा करने में सक्षम है। जेपी इंफ्रा जेपी ग्रुप की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है। जेपी ग्रुप पर करीब 9800 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसमें से चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज आइडीबीआई बैंक का है। साथ ही करीब 11 दूसरे बैंक और वित्तीय संस्थाओं के कर्ज भी शामिल हैं। कंपनी के प्रोजेक्ट नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे पर हैं। जेपी इंफ्राटेक लगभग 32,000 फ्लैट बना रही है। कंपनी ने इसमें से करीब 9,500 यूनिट्स की डिलीवरी दी है। सांकेतिक हड़ताल पर बैठे जेपी होम बायर्स : इधर जेपी होम बायर्स का एक गुट भूख हड़ताल पर बैठा है। भूख हड़ताल में शामिल अजय कौल ने बताया कि पिछले दस साल से आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिल रहा है। मनोज गौड़ से सुबह बात हुई तो हमने मांग रखी है कि पैसे जमा करके काम शुरू कर दें। एक दिन की सांकेतिक हड़ताल के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। कंपनी का दावा इस प्रकार से पूरा होगा प्रोजेक्ट

वर्ग संख्या

पहला वर्ष 2,300

दूसरा वर्ष 7,462

तीसरा वर्ष 9,435

चौथा वर्ष 1,327

(नोट: एक अप्रैल 2019 को 20,524 यूनिट पेंडिग है।) यह है जेपी परियोजना परियोजना की स्थित

वर्ग संख्या

कुल फ्लैट्स 32,691

तैयार बिक्री 4,889

अगस्त 2019 पेंडिग 27,802

तैयार यूनिट्स 7,278 (आइआइपी लगने के बाद तैयार)

पेंडिग मार्च-2019 20,524


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