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जागरण विशेष : टीवी से बदलेगा 70 लाख मूक बधिर छात्रों का भविष्य

सुनाक्षी गुप्ता नोएडा दिव्यांग लोगों को जिदगी के हर पड़ाव पर कई चुनौतियों का सामना करना

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 11:58 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 05:09 AM (IST)
जागरण विशेष : टीवी से बदलेगा 70 लाख मूक बधिर छात्रों का भविष्य

सुनाक्षी गुप्ता, नोएडा :

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दिव्यांग लोगों को जिदगी के हर पड़ाव पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मूक बधिर छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों को कम करने के लिए सेक्टर-62 स्थित राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) द्वारा सांकेतिक भाषा में पढ़ाई कराए जाने की तैयारी की जा रही है। कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी पाठ्यक्रम सांकेतिक भाषा में बदले जा रहे हैं। इसके साथ ही भारतीय सांकेतिक भाषा के शब्दकोश को वीडियो फार्मेट में तैयार करके प्रभा चैनल और यू-ट्यूब पर प्रसारित करने की तैयारी है। सांकेतिक भाषा का ज्ञान बढ़ने से देशभर के करीब 50 लाख बधिर और 20 लाख मूक-बधिर छात्र इससे सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। आने वाले सत्र में सांकेतिक भाषा को विषय के रूप में भी पढ़ाया जाएगा।

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बधिर और मूक-बधिर विशेषज्ञों ने तैयार किए वीडियो

एनआइओएस ने देशभर के सांकेतिक भाषा के बधिर और मूक-बधिर विशेषज्ञों के सहयोग से सांकेतिक भाषा का वीडियो फॉर्मेट तैयार किया है। विशेषज्ञों ने एनआइओएस की वेबसाइट पर मौजूद भारतीय सांकेतिक भाषा के 2 हजार शब्दों के शब्दकोश को समझाते हुए 36 वीडियो तैयार किए हैं। ऐसे वीडियो का लाभ देशभर में विशेष विद्यालय के शिक्षक प बच्चे ले सकेंगे। एनआइओएस की तरफ से अबतक कक्षा 9 और 10वीं के सात विषय अंग्रेजी, हिदी, सामाजिक विज्ञान, गृह विज्ञान, भारतीय सांस्कृतिक विरासत, डाटा एंट्री ऑपरेशन और कला विषय के पाठ्यक्रम को 263 वीडियो बनाकर सांकेतिक भाषा में अनुवाद किया है। कक्षा 11 और 12वीं के सभी विषयों के वीडियो माध्यम में लाने का कार्य इस साल दिसंबर तक पूरा किया जाएगा। अगले वर्ष से कक्षा 1 से 8वीं तक के पाठ्यक्रम का भी सांकेतिक भाषा में अनुवाद किया जाएगा।

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अगले सत्र से सांकेतिक भाषा को विषय के रूप में पढ़ेंगे विद्यार्थी

एनआइओएस के शैक्षणिक विभाग के निदेशक डॉ राजीव कुमार सिंह ने बताया कि देश में पहली बार बधिर और मूक बधिर छात्रों की सहूलियत के लिए सांकेतिक भाषा को विषय के रूप में पढ़ाने की योजना तैयार की जा रही है। अब सांकेतिक भाषा के लिए अलग से संकाय बनेगा। इसका लाभ अगले सत्र से छात्रों को मिलना शुरू हो जाएगा। इससे दिव्यांग छात्रों को एक फायदा यह भी मिलेगा कि वह सांकेतिक भाषा में लघु अवधि व लंबी अवधि के व्यावसायिक पाठ्यक्रम में भी हिस्सा ले सकेंगे।


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