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जागरण विशेष : हुनरमंद बनेंगे बंदियों के हाथ

जिला कारागार में विभिन्न धाराओं निरूद्ध बंदियों के हाथ को हुनरमंद बनेंगे। कारागार से बाहर निकलने पर यही हुनर इनके आजीविका का सबसे बड़ा साधन बनेगा। कारागार प्रशासन ने इस दिशा में पहल की शुरूआत कर दी है। सूरजपुर उद्योग विहार स्थित वीएस इनर्जी के साथ कारागार प्रशासन ने एक अनुबंध किया है। इसके तहत वीएस इनर्जी के पदाधिकारी कारागार में बंदियों को एलईडी झालर, एलइडी बल्ब, टॉर्च समेत अन्य उत्पाद बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण देंगे। शनिवार से यह प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। पहले चरण में 50 बंदियों को इस प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। इनमें अधिकांश बंदियों को दो दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कारागार प्रशासन ने बताया कि यहां के बंदियों को अवसाद से दूर रखने के लिए यहां विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 08:10 PM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 08:10 PM (IST)
जागरण विशेष : हुनरमंद बनेंगे बंदियों के हाथ
जागरण विशेष : हुनरमंद बनेंगे बंदियों के हाथ

रणजीत मिश्रा, ग्रेटर नोएडा : जिला कारागार में विभिन्न धाराओं निरूद्ध बंदियों के हाथ को हुनरमंद बनेंगे। कारागार से बाहर निकलने पर यही हुनर इनके आजीविका का सबसे बड़ा साधन बनेगा। कारागार प्रशासन ने इस दिशा में पहल की शुरूआत कर दी है। सूरजपुर उद्योग विहार स्थित वीएस इनर्जी के साथ कारागार प्रशासन ने एक अनुबंध किया है। इसके तहत वीएस इनर्जी के पदाधिकारी कारागार में बंदियों को एलईडी झालर, एलइडी बल्ब, टॉर्च समेत अन्य उत्पाद बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण देंगे। शनिवार से यह प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। पहले चरण में 50 बंदियों को इस प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। इनमें अधिकांश बंदियों को दो दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कारागार प्रशासन ने बताया कि यहां के बंदियों को अवसाद से दूर रखने के लिए यहां विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

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म्यूजिक, अध्यात्म समेत अन्य कोर्स भी हो रहे हैं संचालित

म्यूजिक, ओपन लर्निंग, इग्नू समेत वोकेशनल कोर्स कराए जा रहे हैं। इससे बंदियों को अपने परिजन की ¨चता से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है। पूर्व में संचालित कार्यक्रमों से बंदियों के मन के विकार को काफी हद तक दूर करने में सफलता मिली है। इसे देखते हुए कारागार परिसर में ही बंदियों के लिए रोजगार के अवसर भी दिए जा रहे हैं। एलईडी बल्ब व झालर बनाने के प्रशिक्षण के बाद इन्हीं बंदियों को यहां काम भी दिया जाएगा। इससे इनका समय व आर्थिक स्थिति दोनों में सुधार आएगा।

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बंदियों के उत्पाद से रोशन होगी दीवाली

कारागार प्रशासन ने दावा किया है कि इस कार्यक्रम को सफलता मिलती है तो आम लोगों को यहां के उत्पाद से इस दीवाली को रोशन करने के लिए मदद ली जाएगी। बंदियों को प्रशिक्षित करने वाली वीएस इनर्जी ही बंदियों के बनाए उत्पाद को बाजार में लेकर जाएगी। सामाजिक संगठन के सहयोग से इन उत्पादों के खरीदारी के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। इससे शहर के कई घर दीवाली पर बंदियों के बनाए उत्पाद से जगमगाएंगे।

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बंदियों को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे इनका खाली समय आसानी से व्यतीत होगा। भविष्य में यह प्रशिक्षण इनके लिए रोजगार का साधन भी बनेगा।

- विपिन मिश्रा, कारागार अधीक्षक गौतमबुद्ध नगर


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