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यातायात नियमों की अनदेखी ले रही जान

अन ट्रेंड ड्राइवर और यातायात नियमों की अनदेखी सड़क सुरक्षा अभियान को पलीता लगा रही है। जिले में होने वाले अधिकांश सड़क हादसे यातायात नियमों की अनदेखी की वजह से ही हो रहे हैं। यातायात विभाग के अनुसार खासकर एक्सप्रेस वे पर होने वाले अधिकांश सड़क हादसों का मुख्य कारण ओवर स्पीड और लेन ड्राइ¨वग करने में लापरवाही होती है। वाहन चालकों की थोड़ी सी लापरवाही दूसरों के लिए भी जानलेवा हो जाती है। सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यातायात विभाग की तरफ से एक्सप्रेस वे पर कार के लिए रफ्तार 100 किलो मीटर प्रति घंटा जबकि भारी वाहन बस ट्रक की रफ्तार 60 किलो मीटर प्रति घंटे तय की गई है, लेकिन अधिकांश वाहन चालकों की तरफ से इसका पालन नहीं किया जाता है। जिसकी वजह से अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 09:51 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 09:51 PM (IST)
यातायात नियमों की अनदेखी ले रही जान

जागरण संवाददाता, नोएडा : अनट्रेंड ड्राइवर और यातायात नियमों की अनदेखी सड़क सुरक्षा अभियान को पलीता लगा रही है। जिले में होने वाले अधिकांश सड़क हादसे यातायात नियमों की अनदेखी की वजह से ही होते हैं। यातायात विभाग के अनुसार खासकर एक्सप्रेस-वे पर होने वाले अधिकांश सड़क हादसों का मुख्य कारण ओवरस्पीड और लेन ड्राइ¨वग करने में लापरवाही होती है। वाहन चालकों की थोड़ी सी लापरवाही कभी-कभी दूसरों के लिए भी जानलेवा होती है। सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यातायात विभाग की तरफ से एक्सप्रेस-वे पर कार के लिए रफ्तार 100 किलो मीटर प्रति घंटा, जबकि भारी वाहन बस ट्रक की रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटे तय की गई है, लेकिन अधिकांश वाहन चालकों की तरफ से इसका पालन नहीं किया जाता है। जिसकी वजह से अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।

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बिना ट्रायल जारी कर दिये जाते हैं ड्राइ¨वग लाइसेंस

परिवहन विभाग की तरफ से ड्राइ¨वग लाइसेंस बनाने के दौरान नियमों का पालन पूरी तरीके से नहीं किया जाता है। बिना ट्रायल के ही ड्राइ¨वग लाइसेंस जारी कर दिए जाते हैं। जिले में होने वाले बड़े स्तर पर सड़क हादसों की वजह अनट्रेंड ड्राइवर भी हैं। गौतमबुद्धनगर परिवहन विभाग की तरफ से औसतन हर रोज सौ लोगों के ड्राइ¨वग लाइसेंस जारी किये जा रहे हैं, लेकिन ड्राइ¨वग लाइसेंस जारी करने से पहले विभाग की तरफ इनका ट्रायल तो दूर जिले में ट्रायल की अबतक कोई स्थाई व्यवस्था तक नहीं है। केवल कंप्यूटर पर ऑनलाइन लिखित परीक्षा के आधार पर ही देश के इस हाईटेक शहर में चालकों के लिए ड्राइ¨वग लाइसेंस जारी कर दिए जाते हैं। बिना ट्रॉयल के ड्राइ¨वग लाइसेंस नहीं दिये जाने चाहिए। केवल कंप्यूटर पर ऑनलाइन परीक्षा के आधार पर जिले में लाइसेंस दे दिए जा रहे हैं। अनट्रेंड ड्राइवरों की वजह से अधिकांश सड़क हादसे होते हैं। जबतक इस पर लगाम नहीं लगेगी तबतक सड़क हादसों में कमी कैसे आएगी।

अनिल कुमार झा, पुलिस अधीक्षक यातायात नोएडा में बन रहा ट्रैफिक पार्क दिसंबर तक मिलने की उम्मीद है। इसके बाद ड्राइ¨वग लाइसेंस बनाने से पहले बेहतर तरीके से ट्रायल होगा। अभी जिले में औसतन हर रोज 100 ड्राइ¨वग लाइसेंस जारी हो रहे हैं।

एके पाण्डेय, एआरटीओ प्रशासन


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