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लोगों के सपनों का शहर बनेगा यमुना सिटी

धर्मेंद्र चंदेल, ग्रेटर नोएडा : यमुना विकास प्राधिकरण का शहर अब धरातल पर नजर आएगा। प्रथम चरण में ग्

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Apr 2018 08:17 PM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 08:17 PM (IST)
लोगों के सपनों का शहर बनेगा यमुना सिटी
लोगों के सपनों का शहर बनेगा यमुना सिटी

धर्मेंद्र चंदेल, ग्रेटर नोएडा : यमुना विकास प्राधिकरण का शहर अब धरातल पर नजर आएगा। प्रथम चरण में ग्रेटर नोएडा से जेवर तक 58397 हेक्टेयर भूमि पर यमुना सिटी के नाम से शहर बसेगा। करीब 23 हजार लोगों को भूखंड व पांच हजार लोगों को मकान आवंटित किए जा चुके हैं। भूखंडों पर दिसंबर के अंत तक आवंटियों को कब्जा दे दिया जाएगा। जनवरी 2019 से भूखंडों पर निर्माण की अवधि शुरू हो जाएगी। लोगों को तीन वर्ष के अंदर मकानों का निर्माण पूरा कर कंप्लीशन लेना होगा। मकानों का निर्माण शुरू होते ही शहर मूर्तरूप में आना शुरू हो जाएगा। यमुना सिटी के नाम से बसने वाला यह शहर लोगों के सपनों का शहर होगा। इसमें हरित पट्टी से लेकर घरों के समीप शैक्षिक संस्थाएं व मॉल समेत तमाम जनसुविधाएं उपलब्ध होंगी। लोगों को अपने घरों से दूर नहीं जाना पड़ेगा। नियोजन की ²ष्टि से यह ग्रेटर नोएडा और चंडीगढ़ से भी बेहतर होगा।चौड़ी सड़क, खुला क्षेत्र, लंबे-चौड़े पार्क, खेल स्टेडियम, फार्मूला वन, जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इसकी विशेष पहचान होगी। कनेक्टविटी के मामलों में भी यह शहर अव्वल होगा। यमुना एक्सप्रेस वे के जरिए शहर में रहने वाले लोग मथुरा, अलीगढ़,आगरा, कानपुर, लखनऊ आदि शहरों में आसानी से पहुंच सकेंगे। बाक्स

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देश का सबसे बड़ा शहर होगा यमुना सिटी

ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ प्राधिकरण यमुना सिटी के नाम से नया शहर बसाएगा। ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 1189 गांवों की 226300 हेक्टेयर भूमि पर यह शहर बसेगा। इतने अधिक क्षेत्रफल पर देश का अभी कोई शहर नहीं बसा है। जेवर तक भूखंड आवंटन का काम हो चुका है। अगले चरण में अलीगढ़, हाथरस, मथुरा व आगरा के गांवों में भूमि अधिग्रहण कर विकास योजनाएं लाई जाएंगी। बाक्स

उद्योगों पर रहेगा विशेष जोर

शहर में रहने वाले लोगों को अपने घरों के समीप रोजगार मिल सके, इसके लिए यमुना प्राधिकरण उद्योगों पर विशेष जोर देगा। आवासीय सेक्टरों से पांच से दस किमी के दायरे में औद्योगिक इकाइयां लगेंगी। पंतजलि, लावा, परम, बीकानेर, डीएस ग्रुप समेत करीब दो दर्जन इकाइयों को जमीन आवंटित की जा चुकी है। इसके अलावा इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्च¨रग कलस्टर व टैक्सटाइल पार्क को जमीन आवंटित की जा चुकी है। इनमें करीब पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। करीब तीन दर्जन औद्योगिक इकाइयों को जमीन आवंटन करने की प्रक्रिया चल रही है। यमुना प्राधिकरण शहर में किस श्रेणी के लिए कितना क्षेत्रफल

श्रेणी क्षेत्रफल

हरित पट्टी 21.9 फीसद

आवासीय 19.5 फीसद

औद्योगिक 20 फीसद

संस्थागत 7.58 फीसद

कामर्शियल 5.4 फीसद

एसडीजेड 4.9 फीसद

मिश्रित भूमि 5.8 फीसद यमुना प्राधिकरण द्वारा बसाया जा रहा शहर देश का सबसे खूबसूरत शहर होगा। बेहतर नियोजन के साथ छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखा गया है। जनसुविधाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से विकसित की जाएंगी। यह लोगों के सपनों का शहर होगा। डा. अरुणवीर ¨सह, सीईओ यमुना प्राधिकरण जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा यमुना सिटी के विकास में चार चांद लगाएगा। हवाई अड्डे का निर्माण पूरे होने तक यमुना सिटी भी पूरी तरह बस जाएगा। लोगों के रहने के लिए यह सबसे अच्छा शहर होगा। ऐसी किसी इकाई को जमीन नहीं दी जाएगी, जिससे प्रदूषण पैदा हो। डा. प्रभात कुमार, चेयरमैन, यमुना प्राधिकरण


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