गांवों में गेहूं के साथ पक रही सियासत की फसल
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा इस बार गेहूं की फसल के साथ खेतों में सियासत की फसल भी पक रही है। हाल-चाल पूछने के बहाने प्रत्याशी व उनके समर्थक मतदाताओं का खेतों तक पीछा कर रहे हैं। इससे किसान हैरान-परेशान है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : गर्मी का ताप बढ़ रहा है। खेतों में गेहूं की फसल की कटाई चल रही है। मौसम में हल्का-सा भी परिवर्तन देख किसान घबरा जाते हैं। उन्हें भय सताता है कि कहीं फसल आंधी-बारिश का शिकार न हो जाए। किसानों की कोशिश है कि जल्द गेहूं घर और मंडी तक पहुंच जाए, लेकिन इस बार गेहूं की फसल के साथ खेतों में सियासत की फसल भी पक रही है। हाल-चाल पूछने के बहाने प्रत्याशी व उनके समर्थक मतदाताओं का खेतों तक पीछा कर रहे हैं। इससे किसान हैरान-परेशान है।
पंचायत चुनाव की हकीकत तलाशने के लिए दैनिक जागरण की टीम लगातार गांवों का दौरा कर रही है। इसी कड़ी में रविवार को दुजाना, बंबावड़ होते ही दैनिक जागरण की टीम नूरपुर गांव पहुंची। बादलपुर से थोड़ी दूर बढ़े ही थे कि गांव के बाहर खेतों में कुछ किसान आराम करते दिखे। बातचीत का सिलसिला यहां भी शुरू हुआ। किसानों ने खेत में ही चुनावी चौपाल लगा रखी थी। पूछने पर एक किसान हरिकिशन ने बताया कि गांव दुजाना में मतदाताओं की संख्या नौ हजार से अधिक है। प्रधान पद के साथ जिला पंचायत पद की सीट पर मुकाबला रोचक है। गांवों में प्रत्याशियों का आना-जाना शुरू हो गया है। गेहूं की फसल पककर तैयार है। ऐसे में प्रत्याशियों की आवभगत करें या फसलों की कटाई। सूरज निकलते ही प्रत्याशियों का गांव में जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है।
वेदराम नागर ने बताया कि किसान खेतों में फसल की कटाई में जुटे हैं और प्रत्याशी गांवों में घूम रहे हैं। भोर होते ही खेतों में आ जाते हैं और देर शाम लौटते हैं। प्रत्याशी यहां भी हाल-चाल पूछने के बहाने वोट मांगने पहुंच जाते हैं। चुनावी चर्चा में दो खेत आगे गेहूं की मड़ाई में जुटे दो और किसान जयकरण व संदीप भी शामिल हो गए। उनसे भी चुनावी माहौल जानने की कोशिश की गई, तभी दोनों किसान तपाक से बोल उठे चुनाव तो प्रत्याशियों का है। हमें तो वोट देना है। वह दे आएंगे। उन्हें अपनी सियासी फसल की चिता है, तो हमें अपने गेहूं की फसल की।