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चोरी के लग्जरी वाहन खरीदकर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

जागरण संवाददाता नोएडा सेक्टर-58 कोतवाली पुलिस व एंटी आटो थैफ्ट टीम ने शनिवार को संयुक्त कार्रवाई में चोरी की लग्जरी कारों को खरीदकर नागालैंड में बेचने वाले बहुचर्चित केतू गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से 17 लग्जरी कार चार मोबाइल व अन्य सामान बरामद किया है। आरोपितों की पहचान हरियाणा के रोहतक निवासी अमित और हरियाणा के भिवानी निवासी अजमेर सिंह यादव व संदीप के रूप में हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 09:07 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 09:07 PM (IST)
चोरी के लग्जरी वाहन खरीदकर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश
चोरी के लग्जरी वाहन खरीदकर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

जागरण संवाददाता, नोएडा : सेक्टर-58 कोतवाली पुलिस व एंटी आटो थैफ्ट टीम ने शनिवार को संयुक्त कार्रवाई में चोरी की लग्जरी कारों को खरीदकर नागालैंड में बेचने वाले बहुचर्चित केतू गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से 17 लग्जरी कार, चार मोबाइल व अन्य सामान बरामद किया है। आरोपितों की पहचान हरियाणा के रोहतक निवासी अमित और हरियाणा के भिवानी निवासी अजमेर सिंह यादव व संदीप के रूप में हुई है।

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एडिशनल डीसीपी नोएडा रणविजय सिंह ने बताया कि सेक्टर-58 कोतवाली पुलिस ने पिछले वर्ष दिसंबर, 2020 में मुरादाबाद के चर्चित वाहन चोर कुलदीप गिरोह का पर्दाफाश किया था। कब्जे से बड़़ी संख्या में लग्जरी कारें बरामद की थी। गिरोह के सक्रिय सदस्य मोहम्मद अली जैदी को दो सप्ताह पूर्व पुलिस ने कारों की खरीद-फरोख्त करते समय एक पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। मोहम्मद अली का कनेक्शन गिरफ्तार आरोपितों से हैं। पुलिस पिछले सात-आठ माह से गिरोह के सदस्यों की तलाश कर रही थी। शनिवार को सेक्टर-62 से तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित अमित का दिल्ली-एनसीआर के वाहन चोरों से संपर्क है। अमित ने पूर्व में भी चंडीगढ़, रोहतक से कई लग्जरी कार बरामद करवाई थी। इसके संबंध में चंडीगढ़ से जेल गया था। वहीं सेक्टर-20 कोतवाली नोएडा से एक स्कार्पियो चोरी में भी जेल गया था। जेल से आते ही अमित ने इस बार अपने साथी संदीप सिंह व अजमेर सिंह के साथ मिलकर फिर से चोरी के वाहनों की खरीद-फरोख्त का काम करना शुरू कर दिया। आरोपितों की गिरफ्तारी करने वाली टीम को डीसीपी नोएडा राजेश एस की ओर से 25 हजार रुपये इनाम से पुरस्कृत किया गया है।

म्यांमार व भूटान पहुंच रहीं चोरी की गाड़ियां :

एसीपी नोएडा रजनीश वर्मा ने बताया कि संदीप सिंह के संबंध इंश्योरेंस कंपनियों से हैं। लिहाजा संदीप सर्वेयर के साथ मिलकर टोटल लॉस की गाड़ियों की डिटेल इंश्योरेंस कंपनी से लेते थे और आन डिमांड उसी माडल की गाड़ी चोरी करवाने के लिए चोरों से संपर्क करते थे। वहीं अजमेर का भिवानी में एक गैराज है। वहां चोरी की गाड़ियों के इंजन व चेसिस नंबर बदलने का काम मोटे पैसे लेकर किया जाता था। इसके बाद आरोपित संबंधित जिले के आरटीओ कार्यालय से फर्जी आरसी तैयार कराते थे। आरसी तैयार होने के बाद गाड़ियों को नागालैंड के दीमापुर में केतू, डेविड और हापा को सस्ते दामों पर बेच देते थे। नागालैंड के आरोपित द्वारा गाड़ियों को म्यांमार, भूटान में बेचा जाता है। एनसीआर या देश के अन्य क्षेत्रों से जो भी गाड़ी चोरी होती थी, नार्थ ईस्ट में इन्हीं व्यक्तियों द्वारा खरीदी जाती हैं। केतू वर्तमान में हरियाणा के भोंडसी जेल में बंद है। आरोपित का भाई नागालैंड में कई अवैध गतिविधियों में संलिप्त है।


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