लेखपाल से पहले दर्ज कराई एफआइआर फिर कर दिया निलंबित
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा चिटहेरा प्रकरण में जिला प्रशासन ने लेखपाल शीतला प्रसाद की तहरीर पर यशपाल तोमर सहित नौ के खिलाफ दादरी कोतवाली में मामला दर्ज कराया था।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : चिटहेरा प्रकरण में जिला प्रशासन ने लेखपाल शीतला प्रसाद की तहरीर पर यशपाल तोमर सहित नौ के खिलाफ दादरी कोतवाली में मामला दर्ज कराया था। मामला दर्ज कराने के अगले दिन ही जिलाधिकारी सुहास एलवाई के आदेश पर एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता ने शीतला प्रसाद को निलंबित कर दिया। जांच में प्रशासन ने पाया है कि घोटाले में लेखपाल की बड़ी लापरवाही थी। लेखपाल को एसडीएम कार्यालय से अटैच किया गया है। दर्ज कराई गई एफआइआर में जिला प्रशासन अब किसी अन्य को वादी बनाएगा।
शासन के आदेश पर कई माह तक चली जांच एडीएम वंदिता श्रीवास्तव ने पूरी की। जांच में यशपाल तोमर और नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए शीतला प्रसाद से ही शिकायत कोतवाली में दिलाई थी। दादरी एसडीएम आलोक गुप्ता ने बताया कि लेखपाल के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जांच में पता चला है कि चिटहेरा भूमि घोटाले की पूरी जानकारी लेखपाल को थी। शीतला प्रसाद लगभग नौ साल से चिटहेरा गांव का लेखपाल था। बावजूद उसने एक भी जानकारी प्रशासन के अधिकारियों को नहीं दी। यहां पर बड़ा सवाल है जब प्रशासन के अधिकारियों को यह पता था कि पट्टे की जमीन के फर्जीवाड़े में शीतला प्रसाद की भूमिका थी तो उसे वादी बना कोतवाली में क्यों शिकायत दिलाई गई। एडीएम वंदिता श्रीवास्तव का कहना है कि अगर घोटाले के संबंध को किसी को कुछ जानकारी देनी है या शिकायत करनी है तो वो सीधा अधिकारी से मिले। किसी दलाल के चक्कर में नहीं आए। मामले में यदि कोई दलाली कर रहा है तो उसकी भी गुप्त सूचना दें।