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टिड्डी दल के हमले की आशंका, कृषि विभाग ने जारी किया अलर्ट

पाकिस्तान से आए टिड्डियों का दल यूपी के झांसी में प्रवेश कर चुका है। जिसके बाद जिला प्रशासन ने किसानों को सचेत करते हुए अलर्ट जारी किया है। कृषि विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश में डिड्डी के दो दलों ने प्रवेश किया है। इसके साथ ही टिड्डियों का एक दल पाकिस्तान से होता हुआ गुजरात व राजस्थान में भी प्रवेश कर चुका है। कृषि विभाग ने झांसी से आगरा होते हुए टिड्डी दल के जिले में प्रवेश करने की आशंका जताई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 08:18 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:08 AM (IST)
टिड्डी दल के हमले की आशंका, कृषि विभाग ने जारी किया अलर्ट

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : पाकिस्तान से आए टिड्डियों का दल झांसी में प्रवेश कर चुका है। इसके बाद जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। कृषि विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में टिड्डी के दो दलों ने प्रवेश किया है। इसके साथ ही टिड्डियों का एक दल पाकिस्तान से होता हुआ गुजरात व राजस्थान में भी प्रवेश कर चुका है। कृषि विभाग ने झांसी से आगरा होते हुए टिड्डी दल के जिले में प्रवेश करने की आशंका जताई है। कृषि विभाग अपने स्तर से भी बचाव की तैयारियों में जुट गया है। टिड्डियों का यह दल 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। हमला हुआ तो होगा खासा नुकसान

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यदि जिले में टिड्डियों का हमला हुआ तो फसलों के साथ पेड़-पौधों को खासा नुकसान होगा। टिड्डी दल से बचाव के लिए सभी ग्रामीणों को जागरूक रहने की जरूरत है। कृषि विभाग ने टिड्डियों के आने पर एक साथ इकट्ठा होकर ढोल-कनस्तर आदि बजाने की हिदायत दी है, ताकि आवाज सुनकर टिड्डी फसलों पर नहीं उतरे। कृषि विभाग ने अपनी एडवाइजरी में किसानों को फसलों पर अलग-अलग कीटनाशक का छिड़काव करने का भी सुझाव दिया है। तीन दलों में बंटी टिड्डियां अब तक गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में हमला कर चुकी हैं। टिड्डियों का एक दल झांसी में भी प्रवेश कर चुका है। झांसी से आगरा होते हुए टिड्डियों के जिले में प्रवेश करने की आशंका बनी हुई है। शासन के आदेश पर अलर्ट जारी किया गया हैं।

-एएन मिश्र, उप कृषि निदेशक टिड्डियों का जीवनकाल 40 दिन का होता है। टिड्डी दल रात में पेड़ और फसलों पर बैठता है, यह जमीन पर अंडे देती है। यदि टिड्डियां अंडे दे रही हैं तो जुताई कर जलभराव कर दें। साथ ही नाली बनाकर क्लोरोपाइरीफांस रसायन को 10 लीटर मात्रा को पांच हजार लीटर पानी में घोल बनाकर डाल दे। इससे टिड्डियों के विकास की संभावना कम हो जाती है।

-आरसी कलौडियस, फसल सुरक्षा विशेषज्ञ


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