किसानों से सीधे फसल खरीदेगी सरकार : हरसिमरत कौर
उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य प्रदेशों में अधिक उपज होने की वजह से किसानों को उनकी उचित कीमत नहीं मिल पाती है। फसल खरीद के लिए किसानों को आंदोलन करना पड़ता है। किसान फसल को सड़क पर फेंक देते हैं। ये बात अब पुरानी हो चुकी है। अब सरकार किसानों से फसल की सीधे क्रय करेगी। जिन प्रदेशों में फसल की मांग होगी, वहां आपूर्ति की जाएगी। ये बातें खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने एक्सपो मार्ट में इंडस फूड प्रदर्शनी के दूसरे संस्करण के शुभारंभ के दौरान कही। उन्होंने कहा कि ट्रेड प्रमोशन काउंसिल आफ इंडिया (टीपीसीआई) के तत्वावधान में आयोजित इंडस फूड प्रदर्शनी में हरसिमरत कौर ने कहा कि जहां भी अधिक पैदावार होगी, वहां हम किसानों के घर से उपज उठाएंगे। बची हुई फसल को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को दिया जाएगा। इससे किसानों की समस्या का हल करने के साथ आय भी दोगुनी होगी। इसके लिए नेफेड समेत अन्य कई संस्थानों के साथ करार किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य प्रदेशों में अधिक उपज होने की वजह से किसानों को उनकी उचित कीमत नहीं मिल पाती है। फसल खरीद के लिए किसानों को आंदोलन करना पड़ता है। किसान फसल को सड़क पर फेंक देते हैं, लेकिन ये बात अब पुरानी हो चुकी है। अब सरकार किसानों से सीधे फसल खरीदेगी। जिन प्रदेशों में फसल की मांग होगी, वहां आपूर्ति की जाएगी। ये बातें केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने एक्सपो मार्ट में इंडस फूड प्रदर्शनी के दूसरे संस्करण के शुभारंभ के दौरान कहीं।
ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (टीपीसीआइ) के तत्वावधान में आयोजित इंडस फूड प्रदर्शनी में हरसिमरत कौर ने कहा कि जहां भी अधिक पैदावार होगी, वहां हम किसानों के घर से उपज उठाएंगे। बची हुई फसल को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को दिया जाएगा। इससे किसानों की समस्या का हल करने के साथ आय भी दोगुनी होगी। इसके लिए नेफेड समेत अन्य कई संस्थानों के साथ करार किए गए हैं। टीपीसीआइ के चेयरमैन मोहित ¨सघला ने बताया कि किसानों व उत्पादकों का इंडस फूड के माध्यम से वैश्विक खरीदारों से करार करा रहे हैं। इसमें वाणिज्य मंत्रालय भी सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश की करीब 60 फीसद किसान खेती से जुड़े हैं। कुल उत्पादन का केवल दस फीसद ही प्रसंस्करण के लिए उपयोग में लाया जाता है, जबकि अन्य बिना उपयोग के ही खराब हो जाता है। किसानों को मिनी कोल्ड चेन बनाने या अपने उत्पाद को अपने ब्रांड के साथ बाजार में उतारने के लिए दस लाख रुपये तक का ऋण भी देंगे। इसी तरह मिनी फूड पार्क भी स्थापित किए जा रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव व इंडस फूड आयोजन समिति के चेयरमैन संतोष सारंगी ने कहा कि इंडस फूड को वैश्विक खाद्य मेला के तौर पर आगे बढ़ा रहे हैं। पहले सीजन में 400 वैश्विक इकाइयां आई थीं, लेकिन इस बार यह संख्या दोगुनी होकर 800 से पार हो चुकी है।