गैस रिसाव की दहशत से दो किलोमीटर दूर भाग खड़े हुए फैक्ट्री कर्मी
नोएडा शहर बृहस्पतिवार को भोपाल गैस त्रासदी का गवाह बनते-बनते बच गया। आइस फैक्ट्री में जिस वक्त अमोनिया गैस का रिसाव हुआ। उस वक्त अगल-बगल की फैक्ट्री में सैकड़ों कर्मी काम कर रहें थे। गैस रिसाव की सूचना मिलने पर फैक्ट्री छोड़कर भाग खड़े हुए।
मोहम्मद बिलाल, नोएडा :
नोएडा शहर बृहस्पतिवार को भोपाल गैस त्रासदी की तरह जहरीली गैस कांड से प्रभावित लोगों का गवाह बनते-बनते बच गया। बर्फ फैक्ट्री में जिस वक्त अमोनिया गैस का रिसाव हुआ। उस वक्त अगल-बगल की फैक्ट्रियों में सैकड़ों कर्मी काम कर रहे थे। गैस रिसाव की जानकारी पर फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मी वहां से भाग खड़े हुए।
रिसाव से लोगों को सांस लेने में लेने में तकलीफ व आंखों में जलन होने लगी। इसके बाद कर्मचारी घटना स्थल से 500 मीटर की दूरी पर जा खड़े हुए। वहीं, आसपास के लोगों के इस घटना की भनक तक नहीं लगी। रिसाव का असर करीब एक किलोमीटर के दायरे में रहा। इस दौरान यहां पांच घंटे से अधिक समय तक यातायात प्रभावित रहा। दमकल कर्मियों ने इलाके में मौजूद लोगों को यहां से दूर भेज दिया। पूरी तरह से काबू पाने के बाद लोगों को इलाके में प्रवेश दिया गया।
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बर्फ फैक्ट्री के बगल में मेरी एक्सपोर्ट गारमेंट्स की फैक्ट्री है। अमोनिया रिसाव की सूचना कर्मचारियों के जरिए मिली। बाहर के मंजर को देखकर भोपाल गैस त्रासदी की याद आ गई। इसलिए फैक्ट्री छोड़कर भाग गया।
- मोअज्जम, फैक्ट्री मालिक
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फैक्ट्री में काम रहा था। बाहर निकलने पर देखा, तो सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसलिए घटना स्थल से कंपनी छोड़कर दो किलोमीटर दूर चला गया।
- अरशद, फैक्ट्री कर्मी
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गैस रिसाव से सांस लेने व आंखों में जलन सी होने लगी। आइस फैक्ट्री के कर्मी शोर मचा रहे थे। मंजर देखकर दिल में दहशत आ गई। मौके पर कंपनी छोड़कर भाग निकला।
- रितेश, फैक्ट्री कर्मी
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गैस रिसाव होने की जानकारी मिलने पर बाहर निकला। चारो तरफ भगदड़ मची थी। डर के इस मंजर को देखकर फैक्ट्री से दूर जा खड़ा हो गया।
- कैलाश, फैक्ट्री कर्मी
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अमोनिया एक तीक्ष्ण गंध वाली रंगहीन गैस है। यह हवा से हल्की होती है। इसका वाष्प घनत्व 8.5 है। यह जल में घुलनशील है। अमोनिया के जलीय घोल को लिकर अमोनिया कहा जाता है। यह क्षारीय होता है। बर्फ के कारखाने में शीतलक के रूप में अमोनिया का उपयोग होता है। ज्यादा देर तक अमोनिया सूंघने पर जान जा सकती है।
- डॉ. संतराम, वरिष्ठ फिजिशियन, जिला अस्पताल