सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत में विश्व गुरु बनने की क्षमता : उपराष्ट्रपति
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षे
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत में विश्व गुरु बनने की क्षमता है। देश के पिछड़े इलाकों तक बिजली की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सौर प्लांट स्थापित होने चाहिए। शनिवार को ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में इलेक्रामा 2018 के उद्घाटन पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। सतत विकास के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना जरूरी है। विश्व के लिए भारत में अक्षय ऊर्जा का बड़ा बाजार है। भारत में दिसंबर तक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन 62.846 मेगावॉट हो चुका है। यह देश की कुल ऊर्जा जरूरत का 18.8 फीसद है। उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने व जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक व हाइब्रिड वाहन अगले कुछ वर्षों में आने वाले हैं। इसके लिए सरकार ने नेशनल इलेक्ट्रिसिटी मोबिलिटी मिशन लांच किया है। वर्ष 2020 तक साठ से सत्तर लाख इलेक्ट्रिक व हाइब्रिड वाहन उपलब्ध होंगे। घरेलू उद्योग के लिए बैटरी उत्पादन में अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि 2016-17 में देश से 39280 करोड़ के विद्युत उपकरणों का निर्यात व 55290 करोड़ रुपये का आयात किया गया। आयात निर्यात को संतुलित करने की चुनौती उद्योग के सामने हैं। भारतीय उद्योग को आयात से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। उपराष्ट्रपति ने उद्योग का आह्वान किया कि वह 2022 का लक्ष्य पूरा करने के लिए आयात निर्यात को संतुलित कर उत्पादन सौ बिलियन डॉलर तक पहुंचाएं। वैश्विक मानक के अनुरूप बिजली उपकरण तैयार कर सभी को निर्बाध एवं सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2017 तक गैर बिजली आपूर्ति वाले 18452 गांवों के सापेक्ष 1370 गांव विद्युतिकरण के लिए शेष बचे हैं।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि पिछले 12 सालों के दौरान ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए नई तकनीकी का इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने बिजली उत्पादन बढ़ाने के साथ बिजली की बचत पर भी बल दिया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना भी मौजूद रहे।