स्वास्थ्य विभाग के पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी को एयरपोर्ट पर रोका
जागरण संवाददाता नोएडा सेक्टर-47 में रहने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी और उनकी पत्नी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद भी विदेश नहीं जा सके। दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचने पर जांच के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने अस्पताल की कोरोना जांच रिपोर्ट को मानने से इन्कार कर दिया।
जागरण संवाददाता, नोएडा : सेक्टर-47 में रहने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी और उनकी पत्नी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद भी विदेश नहीं जा सके। दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचने पर जांच के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने अस्पताल की कोरोना जांच रिपोर्ट को मानने से इन्कार कर दिया। हाथ से लिखी रिपोर्ट के साथ विदेश जाने से रोक लिया। जबकि रिपोर्ट में अस्पताल की मुहर एवं सभी जरूरी जानकारी में मौजूद थी। दंपती पहले एयरपोर्ट अधिकारियों और फिर जिला अस्पताल में मदद मांगते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। दंपती को एयरपोर्ट से अमेरिका जाने के लिए फ्लाइट पकड़नी थी।
डॉ. हरीलाल के चंद्रमणि (71) दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से सेवानिवृत हैं। वे केंद्र सरकार में स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। वे पत्नी मंजू चंद्रमणि (63) के साथ नोएडा के सेक्टर-47 में रहते हैं। पुत्र अमेरिका में पुत्रवधू के साथ रहता है। पुत्रवधू की प्रसव संबंधित देखभाल के लिए उन्होंने अमेरिका जाने के लिए खुद के साथ पत्नी की जिला अस्पताल में कोविड-19 की आरटी पीसीआर जांच कराई थी। इसके बाद बृहस्पतिवार को अस्पताल के पंजीकरण पर्चे पर हाथ से लिखी रिपोर्ट में दोनों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई। शुक्रवार रात करीब 2:30 बजे एयर इंडिया में प्लेन का टिकट बुक कराया था।
पीड़ित ने खुद को केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी और यहां तक कि राम मनोहर लोहिया व कैलाश अस्पताल में लंबे समय का कार्य अनुभव की दुहाई भी दी, लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि लागू सभी नियमों का पालन करते हुए सारी प्रक्रियाओं को पूरा किया, फिर भी न एयरपोर्ट प्रबंधन और न ही अस्पताल प्रबंधन उनकी परेशानी समझ रहा है। इससे उन्हें आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानी हुई। दोबारा विदेश जाने का टिकट व कोविड जांच करानी पड़ी। पीड़ित का आरोप है कि वह पिछले 30 साल से हृदय रोग का इलाज करा रहे हैं। पांच बार उनकी एंजियोप्लास्टी सर्जरी भी हो चुकी है। वर्जन..
इस मामले में पूरी गलती एयरपोर्ट स्टाफ की है। जिला अस्पताल के पंजीकरण के पर्चे पर सभी जरूरी जानकारियां दी गई थी। यदि कोई संदेह था तो वे दंपती के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लेकर आनलाइन रिपोर्ट की डिटेल भी चेक कर सकते थे।
- डॉ. रेनू अग्रवाल, सीएमएस, जिला अस्पताल