बीमार शिक्षकों की कोरोना में न लगाई जाए ड्यूटी
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा शिक्षक भी कोरोना योद्धा की तरह काम करते हैं। रेलवे स्टे
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : शिक्षक भी कोरोना योद्धा की तरह काम करते हैं। रेलवे स्टेशन से लेकर घरों में जाकर विद्यार्थियों के सत्यापन का कार्य कर रहे हैं। भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने की वजह से कोरोना के संक्रमण का खतरा बरकरार रहता है। ऐसे में शिक्षकों ने 50 लाख रुपये का बीमा कराने की मांग की है। साथ ही कहा है कि दमा, मधुमेह, ह्रदयरोग, किडनी आदि रोग से ग्रसित शिक्षकों को कोरोना काल में लगाए गए विभिन्न ड्यूटी से मुक्त किया जाए।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मेघराज भाटी ने बताया कि कोरोना महामारी में परिषदीय स्कूलों के शिक्षक कर्तव्य निर्वहन में लगे हुए हैं। राशन वितरण के साथ प्रवासी कामगारों को रेलवे व बस स्टेशन से गृह जिले में भेजने के कार्य में लगे हुए हैं। साथ ही प्रदेश सरकार के हर निर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं। शिक्षकों को भी कोरोना योद्धा में शामिल किया जाए। 50 लाख रुपये का बीमा कराया जाए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में शिक्षक स्कूल छोड़ने वाले छात्रों के चिह्निकरण, मिड डे मिल भोजन योजना के तहत विद्यार्थियों के खाता संख्या विवरण एकत्रित करना, मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों का सेवा विवरण दर्ज करना, विभाग द्वारा निश्शुल्क पुस्तक वितरण आदि का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गर्भवती शिक्षिकाओं, दमा, मधुमेह, ह्रदय रोग, कैंसर, किडनी आदि से ग्रसित शिक्षकों को कोरोना में लगाई जाने वाली ड्यूटी से मुक्त किया जाए। इसको लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ ने पिछले दिनों अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को ज्ञापन भी सौंपा था।