Move to Jagran APP

हेलीपोर्ट की डीपीआर शासन स्तर पर पास

जागरण संवाददाता नोएडा नोएडा प्राधिकरण की ओर से सेक्टर 151-ए में हेलीपोर्ट बनाया जाना

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 06:47 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 06:47 PM (IST)
हेलीपोर्ट की डीपीआर शासन स्तर पर पास

जागरण संवाददाता, नोएडा :

loksabha election banner

नोएडा प्राधिकरण की ओर से सेक्टर 151-ए में हेलीपोर्ट बनाया जाना है। इसको लेकर जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया को शुरू किया जा सकता है, क्योंकि लखनऊ में इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं औद्योगिक विकास अतिरिक्त मुख्य सचिव अरविद कुमार के समक्ष नोएडा प्राधिकरण की ओर से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण दे दिया है। अधिकारियों के प्रस्तुतीकरण से एसीएस काफी हद तक संतुष्ट नजर आए। वित्तीय जांच के बाद शासन से डीपीआर को मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद निर्माण कंपनी का चयन किया जाएगा। कंपनी पीपीपी माडल पर निर्माण कर हेलीपोर्ट का संचालन करेगी।

परियोजना के सामरिक महत्व को देखते हुए सितंबर 2022 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। विगत वर्ष अगस्त में प्राधिकरण ने परियोजना के लिए सलाहकार कंपनी के रूप में राइट्स का चयन किया था। डीपीआर में एक आर्थिक सर्वे, डिजाइन के आधार पर साइट का अवलोकन व परियोजना से संबंधित अन्य तकनीकी विवरण शामिल हैं। प्राधिकरण की ओर से अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, मुख्य महाप्रबंधक के अलावा सलाहकार कंपनी ने शासन के समक्ष डीपीआर का प्रस्तुतीकरण किया। हेलीपोर्ट निर्माण के लिए कास्टिग के आधार पर 43 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। परियोजना दस एकड़ भूमि में विकसित की जाएगी। इसका टर्मिनल भवन 500 वर्ग मीटर में बनाया जाना है। दो तरह के हेलीकाप्टर के लिए होगा डिजाइन

डीपीआर के अनुसार यहां बनाए जाने वाले हेलीपोर्ट को दो तरह के हेलीकाप्टर के लिए डिजाइन किया जाएगा। इसमें एमआइ-172 की क्षमता 25 मुसाफिरों की होगी। दूसरा बेल-412 की क्षमता 12 सीटों की है। इन दोनों हेलीकाप्टर के लिए यहां 52 गुना 52 मीटर का हेलीपेड, दस मीटर चौड़ा टेक्सी-वे, पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिग 20 गुना 25 मीटर की होगी। वहीं 135 मीटर के एपरान, हेंगर व 50 वाहनों की कार पार्किंग भी होगी। पीपीपी माडल पर किया जाएगा संचालन

हेलीपोर्ट के निर्माण से लेकर इसके संचालन तक में प्राधिकरण को एक रुपये भी खर्च नहीं करना होगा। कंपनी के साथ प्राधिकरण का 30 साल का अनुबंध किया जाएगा। साथ ही अनुबंध के तहत प्राधिकरण को प्रत्येक मुसाफिर के हिसाब से जो भी तय होगा संचालित करने वाली कंपनी को देना होगा। ऐसे में प्राधिकरण को इससे राजस्व मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.