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स्टांप कालाबाजारी रोकने को विभाग ने कसी कमर

नोएडा ई-स्टांप पेपर की प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में पूर्ण रूप से लागू हो जाएगी। ऐसे में स्टांप पेपरों की कालाबाजारी व जमाखोरी के मामले निबंधन विभाग के सामने आने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 10:45 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 10:45 PM (IST)
स्टांप कालाबाजारी रोकने को विभाग ने कसी कमर

अर्पित त्रिपाठी, नोएडा :

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ई-स्टांप पेपर की प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में पूर्ण रूप से लागू हो जाएगी। ऐसे में स्टांप पेपरों की कालाबाजारी व जमाखोरी के मामले निबंधन विभाग के सामने आने लगे हैं। इन्हें पकड़ने के लिए विभाग ने कमर कस ली है। औचक निरीक्षण के साथ विशेष अभियान चलेगा। वहीं सभी उप-निबंधक कार्यालयों में पंजीकृत स्टांप वेंडरों के नाम चस्पा किए गए हैं। आमजन को जागरूक करते हुए पंजीकृत वेंडरों से ही स्टांप खरीदने के लिए कहा गया है।

दरअसल, सरकार ने स्टांप नियमावली 1942 में संशोधन कर ई-स्टांप प्रणाली 2013 लागू करने की योजना बनाई है। इसका प्रयोग जमीन की खरीद-बिक्री में शुरू है। जमीन की रजिस्ट्री में सरकार जल्द ही ई-स्टांप को जरूरी करेगी। स्टाक होल्डिग कारपोरेशन आफ इंडिया को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। ई-स्टांप जारी करने पर वेंडरों को कमीशन भी दिया जाएगा।

उधर, नई व्यवस्था शुरू होने की स्थिति में विभाग के सामने पिछले कुछ दिनों से कागज वाले स्टांप पेपरों की कालाबाजारी के शिकायत आने लगी है। विभाग को जानकारी मिली है कि कुछ लोग अब भी कागज वाले स्टांप पेपर खरीद रहे हैं। ऐसे में कुछ विक्रेता अधिक मूल्य में स्टांप बेच रहे हैं। कुछ जमाखोरी भी कर रहे हैं। इस पर विभाग ने अब विक्रेताओं का औचक निरीक्षण करने की तैयारी शुरू की है। इके लेकर रणनीति तैयार है। जांच में यदि कोई अधिक मूल्य में स्टांप बेचते पकड़ा गया, तो उस पर विभागीय कार्रवाई के साथ ही लाइसेंस भी रद किया जाएगा।

उधर, विभाग ने ई-स्टांप वेंडरों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने परिसर में जानकारी चस्पा करें कि उनके यहां 100 रुपये से कम के भी ई-स्टांप उपलब्ध हैं। इसकी जांच विभाग के अधिकारी करेंगे। साथ ही अधिक मूल्य में स्टांप न देने की जानकारी भी चस्पा करनी होगी। विभाग इसकी जांच करेगा।

वर्जन..

जिला प्रशासन की ओर से दिशा-निर्देश मिलते ही जांच अभियान शुरू किया जाएगा। सभी पंजीकृत वेंडरों की सूची जिले के उप निबंधक कार्यालयों में चस्पा है।

-डॉ. शिवकुमार त्रिपाठी, एआइजी स्टांप


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