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सिविल जज को साइबर ठगों ने लगाई दो लाख की चपत

कानपुर देहात में तैनात एक सिविल जज को साइबर ठगों ने दो लाख रुपये की चपत लगा दी। जज को किसी काम से तत्काल एसबीआइ से डीडी बनवाना था। उन्होंने इंटरनेट पर देर रात तक काम करने वाले एसबीआइ के ब्रांच की तलाश की। इस दौरान भंगेल स्थित एसबीआइ के ब्रांच का नंबर लेकर उन्होंने संपर्क कर डीडी बनाने की पेशकश की। ठगों ने झांसे में लेकर उनसे एसबीआइ और कैनरा बैंक के डेबिट कार्ड की डिटेल ले ली। दोनों खातों से दो लाख रुपये निकाल लिए। पीड़ित जज ने फेस दो कोतवाली में अज्ञात आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 10:43 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 10:43 PM (IST)
सिविल जज को साइबर ठगों ने लगाई दो लाख की चपत
सिविल जज को साइबर ठगों ने लगाई दो लाख की चपत

जागरण संवाददाता, नोएडा : कानपुर देहात में तैनात एक सिविल जज को साइबर ठगों ने दो लाख रुपये की चपत लगा दी। जज को एसबीआइ से डीडी बनवाना था। उन्होंने इंटरनेट पर देर रात तक काम करने वाले एसबीआइ के ब्रांच की तलाश की। इस दौरान भंगेल स्थित एसबीआइ के ब्रांच का नंबर लेकर उन्होंने संपर्क कर डीडी बनाने की पेशकश की। ठगों ने झांसे में लेकर उनसे एसबीआइ और कैनरा बैंक के डेबिट कार्ड की डिटेल ले ली। दोनों खातों से दो लाख रुपये निकाल लिए। पीड़ित जज ने फेस दो कोतवाली में अज्ञात आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

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सिविल जज विवेक कुमार ¨सह कानपुर देहात के भोगनीपुर में तैनात हैं। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 14 दिसंबर 2018 को अचानक उन्हें एसबीआइ से 750 रुपये की डीडी की जरूरत पड़ गई। उस समय शाम के करीब छह बज रहे थे। उन्होंने इंटरनेट पर एसबीआइ के उन ब्रांच की तलाश की, जिनमें रात आठ बजे तक काम होता है। इस दौरान उन्होंने भंगेल स्थित एसबीआइ के ब्रांच का मोबाइल नंबर मिला। उन्होंने नंबर पर कॉल कर जानकारी ली। कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को बैंक कर्मचारी बताते हुए डीडी बनाने का आश्वासन दिया। जज का कहना है कि आरोपित ने उनसे एसबीआइ के डेबिट कार्ड का आखिरी छह अंक और वैधता की डिटेल पूछी और बातों में उलझा लिया। उसने पूछा कि क्या उनके मोबाइल नंबर से कोई दूसरा डेबिट कार्ड भी अटैच है। उन्होंने कैनरा बैंक के डेबिट कार्ड को अटैच बताते हुए उसकी भी डिटेल दे दी। आरोपित ने उन्हें चालान बनने तक कॉल पर बने रहने को बोला। मोबाइल पर आए दो ओटीपी नंबर आरोपित ने ले लिया। करीब 40 मिनट तक वह फोन पर उलझाए रखा। फोन कटने के करीब पांच मिनट बाद उनके मोबाइल पर रुपये निकलने के मैसेज आने लगे। यह देख उन्हें ठगी की जानकारी हुई। एसपी सिटी सुधा ¨सह का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच में स्थानीय पुलिस के साथ साइबर सेल की टीम भी जुटी है।


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