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बच्चों में कुपोषण से मुक्ति को शुरू हुआ संभव अभियान

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर संभव अभियान चलाएगा। अभियान के तहत बच्चों का वजन करने के साथ उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। विभागीय स्तर से इसकी तैयारी कर ली गई है। अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी सुहास एलवाई की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला पोषण समिति की बैठक होगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 09:01 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 09:01 PM (IST)
बच्चों में कुपोषण से मुक्ति को शुरू हुआ संभव अभियान
बच्चों में कुपोषण से मुक्ति को शुरू हुआ संभव अभियान

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर संभव अभियान चलाएगा। अभियान के तहत बच्चों का वजन करने के साथ उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। विभागीय स्तर से इसकी तैयारी कर ली गई है। अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी सुहास एलवाई की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला पोषण समिति की बैठक होगी।

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जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने बताया कि जिन बच्चों का वजन लिया जाएगा और तीन महीने बाद उनका बेसलाइन सर्वे भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शासन ने संभव अभियान चलाकर बच्चों को चिह्नित कर उन्हें कुपोषण से मुक्ति दिलाने का आदेश दिया है। बता दें कि जिला प्रशासन के साथ तीन प्राधिकरणों की गोद में बसा जिला विकास के मामले में भले ही कुलांचे भर रहा हो, लेकिन माथे पर लगा कुपोषण का दाग धोने में नाकाम रहा। मौजूदा समय में भी दस प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार है। जिले में 1442 बच्चे अतिकुपोषण की श्रेणी में

जिले में शून्य से पांच साल के बच्चों की संख्या एक लाख 12 हजार 201 है। जिनमें से 4961 बच्चे कुपोषित व 1442 बच्चे अतिकुपोषण की श्रेणी में है। विभागीय सर्वें के मुताबिक 95 हजार 955 बच्चे सामान्य श्रेणी में दर्ज है।

आंगनबाड़ी के कंधों पर कुपोषण मुक्ति की जिम्मेदारी

जिले में 1108 आंगनबाड़ी केंद्र है। 975 आंगनबाड़ी व 913 सहायिकाओं के कंधों पर बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने की जिम्मेदारी है। शासन के निर्देश पर अभियान के तहत आंगनबाड़ी प्रत्येक बच्चे का वजन करने के बाद मोबाइल के माध्यम से पोषण ट्रैकर एप पर बच्चे का वजन, लंबाई, उम्र के साथ आशिक व गंभीर कुपोषित बच्चों का पूरा लेखा-जोखा अंकित करेंगी।

वर्ष कुपोषित अतिकुपोषित बच्चे 2016 8248 3090 2018 3528 1241 2019 9055 3043 2020 13365 1955 2021 9132 1072 2022 4961 1442


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