कोरोना महामारी ने बढ़ाई डिजिटल की प्रासंगिकता: दिनेश शर्मा
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा दुनिया वैश्विक महामारी के दौरान कोरोना संक्रमण के भय से
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा:
दुनिया वैश्विक महामारी के दौरान कोरोना संक्रमण के भय से गुजर रही है। महामारी ने डिजिटल की प्रासंगिकता को बढ़ा दिया है। संकट में जीवन को सुचारु रूप से चलाने की चुनौतियां नवाचारों को प्रेरित कर रही है। इसमें ऑनलाइन शिक्षण का क्षेत्र विस्तार पा रहा है। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन शिक्षण पर आधारित टीचिग पेडागोजी पर दो सप्ताह का फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें शिक्षकों को नई जानकारियां मिलेंगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मांग की गई है कि ऑनलाइन शिक्षण की 40 फीसद कक्षाओं को अनुमति दी जाए। यह बातें उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने गौतमबुद्ध विवि द्वारा आयोजित ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम में कहीं। वह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
उन्होंने कहा यह वास्तव में समयानुकूल उद्यम है। क्योंकि कोरोना ने सबके सामने ऐसी स्थितियां पैदा कर दी है, जिससे शिक्षा क्षेत्र में तकनीक के प्रयोग-अनुप्रयोग विस्तार पा रहे हैं। केंद्र सरकार ने 'भारत पढ़े ऑनलाइन योजना' पर काम शुरू कर दिया है। इसे और बेहतर बनाने के लिए जनता से सुझाव भी मांगे हैं। इसके तहत स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज स्तर के इंजीनियरिग और व्यावसायिक सहित सभी पाठ्यक्रम यथासंभव ऑनलाइन शुरू हो रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों को कोरोना योद्धा की संज्ञा दी। विवि के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा सभी जानते हैं कि इस विश्वव्यापी महामारी में चुनौती का सामना करने, शिक्षण सीखने की गतिविधियों में सुधार करने के लिए व स्थिति से निपटने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करना समय की मांग है। इसलिए शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षण, कौशल और शिक्षा से लैस करना चाहिए। उन्होंने कहा जीबीयू देश का पहला विवि है, जिसने जून के पहले सप्ताह में ही छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा सफलतापूर्वक करा ली। डॉ. विनोद शनवाल ने कहा सीखना कभी भी बंद नहीं होता है और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए बदलना होगा। कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रोफेसर श्वेता आनंद, संजय के शर्मा, डा. नीति राणा, डा. प्रदीप तोमर, डा. सतीश के मित्तल सहित अन्य लोगों ने हिस्सा लिया।