कांसेप्ट होरिजोन बिल्डर को देना होगा एस्योर्ड रिटर्न
बिल्डर बायर एग्रीमेंट (बीबीए) में उल्लिखित वादे के मुताबिक कांसेप्ट होरिजोन बिल्डर को घर पर कब्जा न मिलने तक खरीदारों को एस्योर्ड रिटर्न देना होगा। बुधवार को उक्त आदेश उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) की पीठ दो ने सुनवाई के दौरान दिए। रेरा सदस्य बल¨वदर कुमार ने बताया कि बुधवार को अधिकांश मामले अंसल व कांसेप्ट होरिजोन बिल्डर से जुड़े रहे।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : बिल्डर बायर एग्रीमेंट (बीबीए) में उल्लेखित वादे के मुताबिक कांसेप्ट होरिजोन बिल्डर को घर पर कब्जा न मिलने तक खरीदारों को एस्योर्ड रिटर्न देना होगा। बुधवार को उक्त आदेश उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) की पीठ दो ने दिए। रेरा सदस्य बल¨वदर कुमार ने बताया कि बुधवार को अंसल व कांसेप्ट होरिजोन बिल्डर से जुड़े अधिकांश मामलों की सुनवाई की गई। कांसेप्ट होरिजोन के मामलों पर सुनवाई करते हुए खरीदारों को हर हाल में कब्जा मिलने तक एस्योर्ड रिटर्न देने को कहा है। बिल्डर ने बीबीए में स्पष्ट तौर पर घर पर कब्जा न मिलने तक ऐसा करने की बात कही है। उक्त परियोजना में पिछले कई वर्षों से खरीदार फंसे हुए हैं, जिनको अब तक घर नहीं मिल पाया है और जल्द कब्जा मिलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है। एस्योर्ड रिटर्न के आदेश से बिल्डरों पर जल्द कब्जा देने का दबाव भी बढ़ेगा। आदेश के बाद खरीदारों में शीघ्र घर मिलने की उम्मीद बढ़ी है। रेरा सदस्य बल¨वदर कुमार के मुताबिक जल्द घर पर कब्जा न मिलने की स्थिति कुछ अन्य बिल्डरों के खिलाफ भी यही आदेश दिया जाएगा। रेरा से बचने के लिए बिल्डर कर रहे उपाय :
सूत्रों के मुताबिक तमाम बड़े बिल्डर एनसीएलटी में याचिका दाखिल कर रेरा के चक्कर से बचने का नया हथकंडा अपना रहे हैं। नियम के तहत एनसीएलटी में कोई याचिका दाखिल होने पर उसके बारे में रेरा सुनवाई पर विचार नहीं करता। योजना के मुताबिक बिल्डर खुद से या अपने ही किसी खरीदार से एनसीएलटी में याचिका दाखिल करवा रहे हैं। एनसीएलटी में याचिका दाखिल हो जाने पर संबंधित परियोजना से जुड़े किसी भी मामले पर सुनवाई से रेरा दूरी बना लेता है। नॉलेज पार्क क्षेत्र में स्थित एक बिल्डर परियोजना का नाम इसमें प्रमुखता से आ रहा है।