कानून के साथ ही समाज को भी बदलनी होगी अपनी सोच : मनोज झा
प्राचीन समय से ही भारत में महिलाओं को सम्?मानित स्?थान प्राप्?त था। कानून के साथ ही समाज की सोच में भी परिर्वतन होना चाहिए। उक्त बातें दैनिक जागरण नोएडा (एनसीआर) के वरिष्ठ समाचार संपादक मनोज झा ने कही।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : प्राचीन समय से ही भारत में महिलाओं को सम्मानित स्थान प्राप्त था। कानून के साथ ही समाज की सोच में भी परिवर्तन होना चाहिए। उक्त बातें दैनिक जागरण नोएडा (एनसीआर) के वरिष्ठ समाचार संपादक मनोज झा ने कहीं। वह नॉलेज पार्क स्थित आइआइएमटी कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि लोगों को संबोधित कर रहे थे।
जेवर विधायक धीरेंद्र ¨सह ने कहा कि महिलाओं की स्थिति में असल परिवर्तन लाना है तो लोगों को अपनी सोच को बदलना होगा। आम महिलाओं के जीवन में, उनकी स्थिति में, उनकी सोच में परिवर्तन ही असल में महिला सशक्तिकरण है। देश, समाज और परिवार के उज्ज्वल भविष्य के लिए महिला सशक्तिकरण बेहद जरूरी है। क्या महिलाओं को समानता का अधिकार प्राप्त है विषय पर आयोजित संगोष्ठी में तमाम वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इस दौरान कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष डॉ. महेंद्र ¨सह नागर, उप क्रीड़ाधिकारी गौतम पूनम बिश्नोई ने भी अपने विचार रखे। वरिष्ठ पत्रकार राम कृपाल ¨सह ने सवाल उठाते हुए कहा कि मैं समाज से पूछना चाहता हूं कि कन्या दान की परंपरा कब तक चलेगी। घर की बहू से बहू का घर कब होगा और गृहिणी के काम की कीमत कब होगी।
डॉ. महेंद्र ¨सह नागर ने कहा कि कुछ चु¨नदा घटनाओं एवं कुछ चु¨नदा लोगों की वजह से कई सारी अन्य महिलाओं एवं लड़कियों के बाहर निकलने के दरवाजे बंद हो जाते हैं। जरूरत है बंद दरवाजों को खोलने की। वहीं, उप क्रीड़ाधिकारी पूनम बिश्नोई ने महिला सुरक्षा को लेकर अनेक कानूनी पहलुओं पर महिलाओं को जागरूक किया। आइआइएमटी कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक मयंक अग्रवाल ने कहा कि लड़की के पैदा होते ही उससे भेदभाव होने लगता है। महिलाओं को अपनी आवाज बुलंद करनी होगी और जुल्म का प्रतिरोध करना होगा। इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के डीन अनिल निगम समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थी व शिक्षक मौजूद रहे।