बागपत के कपिल का साथ मिलते ही कुख्यात बन गया था बिल्लू दुजाना
प्रवीण विक्रम सिंह ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा के बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला बिल्लू दुजाना पांच साल पहले महज पांच हजार का इनामी बदमाश हुआ करता था।
प्रवीण विक्रम सिंह, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा के बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला बिल्लू दुजाना पांच साल पहले महज पांच हजार का इनामी बदमाश हुआ करता था। बागपत के रहने वाले बदमाश कपिल के संपर्क में आने के बाद बिल्लू कुख्यात बन गया था। उसने अनिल दुजाना गिरोह से बगावत शुरू कर दी थी। वह रंगदारी का अपना अलग नेटवर्क संचालित करने लगा था। बिल्लू अपना अलग वर्चस्व कायम करना चाहता था। गाजियाबाद पुलिस से हुई मुठभेड़ में शनिवार सुबह वह ढेर हो गया।
दरअसल, बिल्लू पर वर्ष 2015 में पहला मामला दर्ज हुआ था। 2016 में उसने कुख्यात अनिल दुजाना के कहने पर दनकौर के रहने वाले व्यापारी नरेश से दो करोड़ की रंगदारी मांगी थी। नरेश की जमीन पर रंगदारी के लिए पर्ची व कारतूस रखकर बिल्लू आया था। मामला दर्ज होने के बाद बिल्लू ने व्यापारी को डराने के लिए जमीन पर जाकर फायरिग की थी। उस घटना के बाद से यूपी पुलिस की नजर में बिल्लू दुजाना बदमाश बना। हालांकि उस घटना के बाद नोएडा पुलिस जब बिल्लू के पीछे पड़ी तो वह दिल्ली पुलिस में तैनात एक एएसआइ के सहयोग से आर्म्स एक्ट में वहां सरेंडर हो गया था।
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पांच हजार से एक लाख का बना इनामी
बिल्लू पर नोएडा के अलग-अलग थानों में कई मामले दर्ज हैं। सबसे पहले उस पर वर्ष 2016 में पांच हजार का इनाम घोषित किया गया। इनाम घोषित होने के बाद वह जुगाड़ कर जेल पहुंच गया। बाहर आने के बाद उसने फिर से आपराधिक घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया। पुलिस से कई बार उसकी आंख मिचौली हुई। वह पुलिस को चकमा देकर भाग जाता था, लेकिन शनिवार को बाजी पुलिस के हाथ लगी।
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राकेश को संपत्ति से कर दिया था बेदखल
गाजियाबाद में पुलिस मुठभेड़ में बिल्लू के अलावा दुजाना गांव का रहने वाला बदमाश राकेश भी मारा गया। राकेश के पिता सेना से सेवानिवृत्त हैं, जबकि भाई यूपी पुलिस में है। राकेश के गलत चाल चलन के चलते पिता ने पहले ही राकेश को अपनी चल अचल संपत्ति से बेदखल कर दिया था। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों पहले कोतवाली बादलपुर पुलिस ने राकेश के घर पर कुर्की के नोटिस चस्पा किया था, जिस पर राकेश के घरवालों ने यह कहते हुए विरोध दर्ज कराया था कि वह राकेश को बहुत पहले ही संपत्ति से बेदखल कर चुके हैं।