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कायाकल्प के निरीक्षण में खुली भंगेल सीएचसी की पोल

स्वच्छ भारत मिशन की कायाकल्प योजना के तहत निरीक्षण करने आई काया कल्प टीम ने सोमवार को सेक्टर-110 स्थित भंगले सीएचसी की हकीकत परखी। इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की कई बिन्दुओं पर सुविधाओं की पोल खुल गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 08:54 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 08:54 PM (IST)
कायाकल्प के निरीक्षण में खुली भंगेल सीएचसी की पोल

जागरण संवाददाता, नोएडा:

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स्वच्छ भारत मिशन की कायाकल्प योजना के तहत निरीक्षण करने आई काया कल्प टीम ने सोमवार को सेक्टर-110 स्थित भंगेल सीएचसी की हकीकत परखी। इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की कई बिन्दुओं पर सुविधाओं की पोल खुल गई। ऐसे में 70 फीसदी अंक पाने की राह से सीएचसी पिछड़ता नजर आ रहा है। कायाकल्प टीम में शामिल क्वालिटी मैनेजर डॉ. नुपुर और डॉ. अपूर्वा कांत यहां की स्थिति को देखकर जो रिपोर्ट तैयार की है उसमें कई खामियां दर्ज की गई है। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग की सौंपी जाएगी।

दरअसल अस्पताल प्रशासन की ओर से कई खामियों को दुरुस्त करने का प्रयास किया गया था। लेकिन टीम ने अस्पताल की खामियां छिपाने के लिए की गई लीपापोती को भांप लिया और बारीकी से निरीक्षण किया। टीम सुबह 10 बजे अस्पताल पहुंची थी। लेकिन टीम के आने तक स्टॉफ सुविधा, मरीजों के लिए दवा और खामियां ढकने पूरा इंतजाम किया जा रहा था। आंखों में धूल झोंकने के लिए सुबह आनन-फानन में सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के बोर्ड व फ्लैक्स लगवा दिए। सभी वार्डों की साफ-सफाई हुई। वार्ड बाय, स्टाफ नर्स सहित सभी कर्मचारी ड्रेस कोड का पालन करते दिखे। लेकिन फार्मासिस्ट और एक्सरे टेक्नीशियन द्वारा सही जबाव न दिए जाने पर ये अंदाजा लगाया जा सकता है। कि टीम ने जो रिपोर्ट की उसमें अस्पताल में कई खामियां दर्ज हैं। दवा स्टोर और वार्डों में सफाई न होने से कई जगह पर धूल की मोटी परत जमा दिखाई दी। जिसपर टीम ने आपत्ति दर्ज की है।

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5 एस चार्ट के बारे में नहीं बता पाए फार्मासिस्ट

निरीक्षण के दौरान टीम ने जब एक्सरे रूम में लगे 5एस चार्ट का मतलब वहां तैनात टेक्नीशियन धर्मेंद्र पाल से पूछा तो वह इसका सही जवाब नहीं दे पाए।इसी तरह टीम ने फार्मेसी में तैनात फार्मासिस्ट गीता और रवि दत्त से जब ये पूछा कि एक्सपायर दवा को कहा रखा जाता है। वे भी इसका सही उत्तर नहीं दे पाए। जिसपर टीम ने नाराजगी जाहिर की। आपको बता दे कि सरकारी अस्पताल की फार्मेसी में और अन्य वार्ड में किसी भी सामान को सुनियोजित तरीके रखने के लिए एक चार्ट बनाया गया है। जिससे किसी भी चीज को जल्द ही ढूंढा जा सकता है। जबकि एक्पायर हो चुकी दवाओं को मरीज को दी जाने वाली दवाओं वहां से हटा दिया जाता है।

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कायाकल्प टीम के निरीक्षण के दौरान कई प्रकार की खामियां मिलने की जानकारी मिली है। जिसे चिकित्सा प्रभारी से कहकर जल्द ही दुरस्त करने के लिए कहा जाएगा।

डॉ. अनुराग भार्गव, सीएमओ, गौतमबुद्धनगर


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