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किडनी बेचने वाले बांग्लादेशी गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता नोएडा जिला पुलिस ने किडनी के सौदागर बांग्लादेशी गिरोह का पर्दाफाश किया है। एक बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेज की मदद से किडनी ट्रांसप्लांट के लिए नोएडा पहुंचा था लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 09:19 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 09:19 PM (IST)
किडनी बेचने वाले बांग्लादेशी गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नोएडा : जिला पुलिस ने किडनी के सौदागर बांग्लादेशी गिरोह का पर्दाफाश किया है। एक बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेज की मदद से किडनी ट्रांसप्लांट के लिए नोएडा पहुंचा था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश कर उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपित की पहचान बांग्लादेश के स्लेट शहर में रहने वाले अहमद शरीफ के रूप में हुई है। पुलिस ने मामले में बिचौलिये सिवान (बिहार) निवासी बाजुलहक को भी गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना एक ट्रैवल एजेंट है, जो फिलहाल बांग्लादेश में है।

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आरोपित अहमद शरीफ किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 22 दिसंबर को नोएडा आया था। उसके साथ बांग्लादेश के रहने वाले मोहम्मद कबीर हुसैन व उनके भाई मोहम्मद सगीर भी पहुंचे थे। अहमद शरीफ को मोहम्मद कबीर को किडनी देनी थी। इसलिए तीन बांग्लादेशी आपस में रिश्तेदार बनकर भारत पहुंचे थे। यहां उनकी मुलाकात दिल्ली के शाहीन बाग में रहने वाले गिरोह के सदस्य बाजुलहक से हुई। बाजुलहक की मदद से वे सेक्टर-71 स्थित एक गेस्ट हाउस में ठहरे थे। किडनी ट्रांसप्लांट से पहले सेक्टर-62 स्थित निजी अस्पताल में खून व दूसरी जांच कराई। कुछ दिन बाद ही ट्रांसप्लांट होना था, लेकिन सोमवार को अहमद का बाजुलहक से पैसों को लेकर विवाद हो गया।

अहमद ने किडनी ट्रांसप्लांट नहीं कराने की बात कहकर पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस ने मामला अंग प्रत्यारोपण से जुड़ा होने से जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग से संपर्क साधा। स्वास्थ्य विभाग के साथ जब मिलकर जांच की, तो पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। एसीएमओ (प्रशासन) डॉ.शशि ने आरोपितों के खिलाफ फेस-3 पुलिस में शिकायत की। इसके आधार पर शुक्रवार को दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। चार लाख में हुआ था सौदा : गिरोह का सरगना बांग्लादेशी ट्रैवल एजेंट अब्दुल मनान है। उसने फर्जी दस्तावेज व मेडिकल वीजा देकर आरोपित अहमद को भारत भेजा था। किडनी डोनेट करने के लिए चार लाख रुपये दिए थे। वहीं किडनी लेने वाले कबीर हुसैन से लाखों रुपये वसूले गए थे। अब्दुल ने किडनी देने व लेने वालों के मध्य रिश्तेदारी के फर्जी कागजात तैयार किए थे। रिसीवर व डोनर के पासपोर्ट पर मेडिकल वीजा अन्य शहरों का बनवाया गया, लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट का काम नोएडा के एक निजी अस्पताल में होना था। पुलिस को कबीर हुसैन व उनके भाई मोहम्मद सगीर की भूमिका संदिग्ध मिली है। जांच में सामने आया है कि आरोपित अब्दुल ने दो माह पूर्व भी एक व्यक्ति को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए नोएडा भेजा था।

वर्जन..

बांग्लादेश से व्यक्ति को लाकर किडनी ट्रांसप्लांट कराने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

-हरीश चंदर, डीसीपी सेंट्रल, नोएडा


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