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कामगारों की कमी से ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री की रफ्तार धीमी

कुंदन तिवारी नोएडा ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में बीएस-4 वाहनों का उत्पादन बंद करने के बाद से लगातार आटो कंपोनेंट इंडस्ट्री संघर्ष कर रही थी। कोरोना काल में इंडस्ट्री की हालत दयनीय हो गई लेकिन अब इसके लिए राहत की खबर है। ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को रफ्तार देने के लिए ओरिजनल इक्यूमेंट मैन्युफैक्चरर (मारुति हुंडई हीरो होंडा यामाहा न्यू होलैंड टै्रक्टर महेंद्रा) ने 40 फीसद आर्डर रिलीज कर दिया है। इसे 30 जून तक पूरा किया जाना है लेकिन कामगारों की कमी से औद्योगिक रफ्तार की गति धीमी है। समय पर आर्डर को पूरा करने का संकट खड़ा है लेकिन फिर भी समय पर ऑर्डर पूरा करने का प्रयास जारी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 10:03 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 06:09 AM (IST)
कामगारों की कमी से ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री की रफ्तार धीमी
कामगारों की कमी से ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री की रफ्तार धीमी

कुंदन तिवारी, नोएडा

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ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में बीएस-4 वाहनों का उत्पादन बंद करने के बाद से लगातार आटो कंपोनेंट इंडस्ट्री संघर्ष कर रही थी। कोरोना काल में इंडस्ट्री की हालत दयनीय हो गई, लेकिन अब इसके लिए राहत की खबर है। ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को रफ्तार देने के लिए ओरिजनल इक्यूमेंट मैन्युफैक्चरर (मारुति, हुंडई, हीरो, होंडा, यामाहा, न्यू होलैंड टै्रक्टर, महेंद्रा) ने 40 फीसद आर्डर रिलीज कर दिया है। इसे 30 जून तक पूरा किया जाना है, लेकिन कामगारों की कमी से औद्योगिक रफ्तार की गति धीमी है। समय पर आर्डर को पूरा करने का संकट खड़ा है, लेकिन फिर भी समय पर ऑर्डर पूरा करने का प्रयास जारी है।

गौरतलब है कि दीपावली से पहले बीएस 6 वाहनों के लिए ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की ओर से कुछ ऑर्डर जारी किया गया था। इसकी सप्लाई जनवरी 2020 तक ली गई, जिसके बाद ऑर्डर रिलीज किया गया। मार्च में लॉकडाउन हो गया, जो जून में आकर खुला है। ऑडर को पूरा करने की कंपनियों ने संभाली कमान

ओईएम यूनिट्स ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा में करीब 350 करोड़ रुपये से अधिक का आर्डर जारी किया है, जिसे टियर वन कंपनियां जैसे ग्रेजियानो, सुब्रोस, ग्लोबल आटोपैक, मतीनो, वैरॉक, डेन्सो, डीएलजेएम, विमल मोल्डर समेत अन्य तमाम कंपोनेंट इंडस्ट्री को पूरा करना है, जिन्होंने अन्य टियर टू कंपनियों को ऑर्डर पूरा करने की जिम्मेदारी सौंप दी है। मिला मौका अवसर में होगा तब्दील

उद्यमियों का कहना है कि बड़ी मुश्किल से उत्पाद का मौका मिला है, इस अवसर को किसी भी कीमत पर जाने नहीं देंगे। कामगारों की कमी के कारण काम को पूरा करने लिए दो से तीन शिफ्ट में इकाइयों का संचालन शुरू हो चुका है। 12-12 घंटे की दो शिफ्ट लगाई जा रही है। इसमें चार-चार घंटे का ओवर टाइम शामिल है। अब 40 फीसद ऑर्डर को 20 फीसद कामगारों के जरिये ही पूरा कराया जाएगा।

कंपोनेंट यूनिट में तैयार होने वाला उत्पाद की स्थिति :

कंपोनेंट यूनिट

एयर कंडीशन किट 02

वायर एंड हार्निस 100

मोल्डिग 200

मैग्नेटिक क्वायल 10

कार शीट 02

शॉक एब्जार्वर 02

एसेसरीज 50

बैक मिरर 10

फासनर 50

शीट मेटल पार्टस 200

म्यूजिक सिस्टम 10 ओईएम के लिए काम करने वाली कंपोनेंट यूनिट

वर्ग संख्या

टियर वन 50 (ओरिजनल इक्यूमेंट मैन्युफैक्चरर के मुख्य वेंडर)

टियर टू 160 (मुख्य वेंडरों की मांग पर कंपोनेंट तैयार करना)

टियर थ्री 400 (कंपोनेंट इंडस्ट्री के रॉ मैटेरियल सप्लायर) कंपोनेंट इंडस्ट्री का कुल कारोबार

कारोबार राशि

प्रतिमाह 1000 करोड़

वार्षिक टर्नओवर 12 हजार करोड़ वर्जन

ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री के लिए संकट के समय यह राहत की खबर है। इस समय एक-एक रुपये का ऑर्डर कीमती है। ऐसे में 350 करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर आया, जो उद्यमियों का मनोबल बढ़ाने वाला है।

-राजेश जैन (एमडी, टेक्नोमेट कंपोशीट प्राइवेट लिमिटेड), महासचिव, नीवा


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